पंजाब-हरियाणा जल विवाद को लेकर राजनीति गर्मा गई है। INLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने चेतावनी दी है कि अगर 25 मई तक हरियाणा को उसका हक का पानी नहीं मिला, तो INLD कार्यकर्ता हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर पंजाब के सरकारी वाहनों की एंट्री रोक देंगे।
उन्होंने कहा कि यह कदम पहले एक दिन के लिए उठाया जाएगा। अगर उसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी, तो आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा, और ज़रूरत पड़ी तो पंजाब के सभी वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जाएगी।
अभय चौटाला के मुख्य बयान:
“जब पंजाब हमारा पानी रोक सकता है, तो हम भी उनके वाहन रोक सकते हैं।”
“हरियाणा की भाजपा सरकार बेहद कमजोर है, उसे दिल्ली से चलाया जा रहा है।”
“मुख्यमंत्री नायब सैनी सिर्फ बयान देते हैं, लेकिन कोई एक्शन नहीं लेते।”
“हम राज्यपाल से मिलकर मांग करेंगे कि वे सरकार पर दबाव बनाएं।”
मुख्य आरोप पंजाब पर:
चौटाला ने आरोप लगाया कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने वाहवाही लेने के लिए हरियाणा का पानी कम कर दिया है। यहां तक कि जब हरियाणा से एक चीफ इंजीनियर पानी की स्थिति का निरीक्षण करने गया, तो उसे बंधक बना लिया गया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और SYL विवाद
पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से SYL (Sutlej Yamuna Link) नहर को लेकर विवाद चल रहा है। हरियाणा का दावा है कि उसे पंजाब से तय मात्रा में पानी नहीं मिल रहा, जबकि पंजाब यह कहता रहा है कि उसके पास खुद पर्याप्त पानी नहीं है।
क्या होगा 25 मई के बाद?
अगर 25 मई तक हरियाणा को पानी नहीं मिला:
पंजाब के सरकारी वाहनों की आवाजाही रोकी जाएगी
INLD कार्यकर्ता सीमाओं पर तैनात होंगे
आंदोलन को धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में फैलाया जाएगा
राज्यपाल से मांग की जाएगी कि केंद्र और पंजाब पर दबाव डालें
INLD का यह अल्टीमेटम राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर हलचल पैदा कर सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकारें किस तरह इस विवाद का समाधान निकालती हैं, और क्या 25 मई से पहले हरियाणा को पानी मिल पाता है या आंदोलन की चिंगारी भड़कती है।