काठमांडू। नेपाल की राजधानी काठमांडू में पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के स्वागत में राजशाही समर्थकों द्वारा आयोजित रैली ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी लहराई गईं, जिससे राजनीतिक बहस तेज हो गई है।
पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह का भव्य स्वागत
नेपाल के राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) के कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों लोगों ने त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह का जोरदार स्वागत किया। ज्ञानेंद्र शाह पोखरा से सिमरिक एयर हेलीकॉप्टर के जरिए काठमांडू पहुंचे थे। उनके समर्थन में राजशाही के पुनःस्थापन की मांग को लेकर बड़ी संख्या में समर्थक सड़कों पर उतरे।
योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें दिखाने पर विवाद
रैली के दौरान कुछ समर्थकों ने ज्ञानेंद्र शाह के साथ योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी लहराईं, जिससे नेपाल की राजनीतिक हलचल तेज हो गई। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नेपाल में हिंदू राजशाही को पुनर्स्थापित करने के विचार को समर्थन देने का संकेत हो सकता है।
राजशाही की बहाली की मांग हुई तेज
रैली का उद्देश्य नेपाल में दोबारा राजशाही की स्थापना के लिए समर्थन जुटाना था। समर्थकों ने नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज के साथ ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें लेकर राजशाही के समर्थन में नारेबाजी की।
नेपाल में राजशाही की बहाली पर बढ़ी चर्चा
नेपाल में 2008 में संवैधानिक राजशाही खत्म कर गणतंत्र स्थापित किया गया था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में राजशाही समर्थकों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। कई लोग नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने और राजशाही बहाल करने की वकालत कर रहे हैं।
विवाद के बाद क्या बोले जानकार?
नेपाल के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें लहराने का सीधा संबंध हिंदू राष्ट्र और राजशाही समर्थक विचारधारा से जुड़ा हो सकता है। हालांकि, नेपाल सरकार या भारत सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।