𝐘𝐚𝐦𝐮𝐧𝐚𝐧𝐚𝐠𝐚𝐫 𝐍𝐞𝐰𝐬 : दिल्ली वाले हो जाएं सावधान : 𝟒𝟔 सालों के अंतराल के बाद सितंबर महीने में यमुना नदी खतरे के निशान के करीब पहुंची

हथिनी कुंड बैराज कंट्रोल रूम के अनुसार यहां ज्यादातर पानी देहरादून स्थित डाकपत्थर बैराज से आता है, डाकपत्थर बैराज पर पानी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से आता है, इन दोनों पहाड़ी राज्यों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे डाकपत्थर बैराज पर अधिक पानी ...

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कावेरी

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हथिनी कुंड बैराज कंट्रोल रूम के अनुसार यहां ज्यादातर पानी देहरादून स्थित डाकपत्थर बैराज से आता है, डाकपत्थर बैराज पर पानी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से आता है, इन दोनों पहाड़ी राज्यों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे डाकपत्थर बैराज पर अधिक पानी आने लगा है, वहां से सोमवार को अधिक मात्रा में पानी छोड़ने की वजह से हथिनी कुंड बैराज पर 78 हजार 924 क्यूसेक पानी इकट्ठा हो गया !


यमुनानगर, डिजिटल डेक्स।। अचानक मौसम में आए बदलाव के कारण यमुना नदी के कैचमेंट एरिया और दून घाटी में हो रही पिछले 𝟒𝟖 घंटे से बारिश ने यमुना का जलस्तर बढ़ा दिया। सीजन के अधिकतम बिंदु पर पहुंच गया है। 

हथिनी कुंड बैराज पर नदी का जलस्तर कल दोपहर 𝟏𝟐 बजे बढ़कर 𝟕𝟖 हजार 𝟗𝟐𝟒 क्यूसेक पर पहुंच गया है। चालू सीजन में पहली बार बैराज के सभी 𝟏𝟖 गेट खोलकर बाढ़ के पानी को दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया है। बाढ़ की तीव्रता के कारण पानी के आगामी 𝟕𝟐 घंटे से पहले दिल्ली पहुंच जाने की संभावना है।


शिवालिक की पहाड़ियों पर हुई जोरदार बारिश के कारण बरसाती नदियां नागल ट्रेन, चिक्कन नदी, सोम नदी भी उफान पर बही। बता दें कि 𝟑 सितंबर 𝟏𝟗𝟕𝟖 को सितंबर महीने में यमुना नदी में 𝟕 लाख 𝟗𝟐𝟑𝟗 क्यूसेक की भीषण बाढ़ आई थी। 𝟒𝟔 सालों के अंतराल के बाद सितंबर महीने में यमुना नदी खतरे के निशान के करीब पहुंची है।

अचानक मौसम में बदलाव से यमुना नदी के कैचमेंट एरिया उत्तराखंड के कालसी में 𝟏𝟏𝟖.𝟒 मिमी, हरिपुर में 𝟏𝟏𝟑.𝟖 मिलीमीटर, जटौन बैराज पर 𝟏𝟕𝟓 मिमी, पांवटा साहिब के गंगुवाला में 𝟏𝟐𝟔.𝟔 मिली मीटर, सभा वाला में 𝟏𝟎𝟗 मिमी तथा ताजेवाला में 𝟏𝟏𝟔 मि मी बरसात हुई। भारी बरसात के कारण यमुना नदी का जल स्तर सुबह 𝟕 बजे से ही बढ़ना शुरू हो गया।

हथिनी कुंड कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर सुबह 𝟕 बजे 𝟐𝟔𝟕𝟑𝟖 क्यूसेक रहा। 𝟖 बजे बढ़कर 𝟒𝟔𝟓𝟗𝟖 क्यूसेक, 𝟗 बजे 𝟔𝟔 हजार 𝟗𝟏𝟓 क्यूसेक, 𝟏𝟎 बजे 𝟔𝟐 हजार 𝟓𝟑 क्यूसेक, 𝟏𝟏 बजे 𝟔𝟏 हजार 𝟑𝟗𝟔 क्यूसेक के बिंदु पर पहुंच गया। दोपहर 𝟏𝟐 बजे तक बाढ़ का लेवल बढ़कर सीजन के अधिकतम बिंदु 𝟕𝟖 हजार 𝟗𝟐𝟒 क्यूसेक पर पहुंच गया।

बाढ़ के पानी को बैराज के सभी 𝟏𝟖 गेट खोलकर 𝟔𝟓𝟔𝟓𝟒 क्यूसेक पानी को दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया है। बाढ़ की तीव्रता को देखते हुए पानी के आगामी 𝟕𝟐 घंटे से भी पहले दिल्ली पहुंच जाने की संभावना है। गत वर्ष हथिनी कुंड बैराज से पानी के डिस्ट्रीब्यूशन में किए गए बदलाव के मुताबिक बाढ़ के लेवल 𝟏 लाख क्यूसेक पर पहुंच जाने पर नहरों की आपूर्ति बंद कर दी जाती है।

सोमवार को नहरों की आपूर्ति जारी रही। पानी की मांग घट जाने पर पश्चिमी यमुना नहर में 𝟏𝟎𝟓𝟏𝟎 क्यूसेक तथा यूपी की पूर्वी नहर में 𝟐𝟕𝟏𝟎 क्यूसेक पानी की आपूर्ति की जा रही है। शिवालिक की पहाड़ियों पर हुई भारी बरसात के कारण नागल ट्रेन, चिक्कन नदियां उफान पर बही। सोम नदी में भी भारी बाढ़ आई।


सोमवार को हथिनी कुंड कंट्रोल रूम से मिली जानकारी

सुबह 𝟏𝟐 बजे 𝟕𝟖 हज़ार 𝟗𝟐𝟒 क्यूसिक

दोपहर 𝟏 बजे 𝟔𝟎 हज़ार 𝟗𝟐𝟔 क्यूसिक

दोपहर 𝟐 बजे 𝟓𝟑 हज़ार 𝟐𝟕𝟑क्यूसिक

दोपहर 𝟑 बजे 𝟓𝟒 हज़ार 𝟒𝟑𝟑 क्यूसिक

दोपहर 𝟒 बजे 𝟐𝟕 हज़ार 𝟖𝟕𝟏 क्यूसिक

दोपहर 𝟓 बजे 𝟑𝟏 हज़ार 𝟎𝟒𝟕 क्यूसिक

देर शाम 𝟔 बजे 𝟑𝟓 हज़ार 𝟖𝟑𝟐 क्यूसिक

देर शाम 𝟕 बजे 𝟑𝟓 हज़ार 𝟏𝟑𝟒 क्यूसिक

देर शाम 𝟖 बजे 𝟑𝟓 हज़ार 𝟔𝟕𝟖 क्यूसिक

रात 𝟗 बजे 𝟑𝟔 हज़ार 𝟒𝟐𝟒 क्यूसिक

रात 𝟏𝟎 बजे 𝟐𝟖 हज़ार 𝟏𝟒𝟕 क्यूसिक

रात 𝟏𝟏 बजे 𝟑𝟏 हज़ार 𝟗𝟓𝟎 क्यूसिक

रात 𝟏𝟐 बजे 𝟐𝟗 हज़ार 𝟗𝟏𝟖 क्यूसिक

वहीं, मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर सुबह 𝟏𝟎 बजे 𝟐𝟕 हजार 𝟖𝟓𝟕 क्यूसेक दर्ज किया गया है। ऐसे में इस बार भी उत्तराखंड में अधिक बारिश आने पर हालात बेकाबू होने के आसार हैं।


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कावेरी "द न्यूज़ रिपेयर" की एक समर्पित और खोजी पत्रकार हैं, जो जमीनी हकीकत को सामने लाने के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी में सामाजिक सरोकार, जनहित और निष्पक्ष रिपोर्टिंग की झलक मिलती है। कावेरी का उद्देश्य है—सच्ची खबरों के ज़रिए समाज में बदलाव लाना और उन आवाज़ों को मंच देना जो अक्सर अनसुनी रह जाती हैं। पत्रकारिता में उनकी पैनी नजर और निष्पक्ष दृष्टिकोण "द न्यूज़ रिपेयर" को विश्वसनीयता की नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।

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