हरियाणा सरकार ने किसानों की आय सुरक्षित करने और मधुमक्खी पालकों को बाजार की गिरती कीमतों से राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब शहद उत्पादन को भी ‘भावांतर भरपाई योजना’ (BBY) के तहत ला दिया गया है। इस फैसले के बाद यदि बाजार में शहद का दाम गिर जाता है तो सरकार, तय आरक्षित मूल्य और वास्तविक बिक्री मूल्य के अंतर की भरपाई सीधी किसानों के खाते में करेगी।
कैसे मिलेगा लाभ — ये हैं शर्तें और प्रक्रिया
पंजीकरण अनिवार्य: पालक को ‘मधु क्रांति पोर्टल’ पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। यह जिला स्तर पर सत्यापित होगा।
परिवार पहचान पत्र: लाभार्थी के पास PPP होना चाहिए।
हनी ट्रेड सेंटर: शहद की बिक्री HTC प्लेटफॉर्म पर तय समयसीमा (1 जनवरी से 30 जून) के भीतर होनी चाहिए।
सिक्योरिटी और ट्रैकिंग: सभी बॉक्स पर PPP के अंतिम 4 अंक और क्रम संख्या खुदवाकर उनकी पहचान सुनिश्चित करनी होगी।
मिनिमम सप्लाई: योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं को मिलेगा जो कम से कम 500 किग्रा शहद HTC पर लाते हैं, जबकि अधिकतम सीमा 1,000 बॉक्स (30,000 किग्रा) वार्षिक है।
नीलामी और भुगतान: शहद की बिक्री फूड ग्रेड बकेट में होगी, नीलामी 90 रुपये प्रति किग्रा आरक्षित मूल्य के मुताबिक होगी। यदि भाव कम रहे, तो अंतर BBY से मिलेगा।
क्यों है यह योजना खास?
सरकार का मानना है कि इस पहल से शहद उत्पादन और किसानों की आय दोनों बढ़ेगी। NBAL लैब में गुणवत्ता जांच अनिवार्य होगी, भुगतान भरोसेमंद एस्क्रो अकाउंट से सीधा मिलेगा। छोटे मधुपालकों को पहली बार राज्य स्तर पर भाव गिरने पर भी सुरक्षा मिलेगी।












