हरियाणा मंत्रिमंडल ने 5 मई 2025 को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 2025-27 आबकारी नीति को मंजूरी दी। यह नीति 12 जून 2025 से 31 मार्च 2027 तक 21.5 महीने के लिए लागू होगी, जिसे भविष्य में वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) के साथ समायोजित किया जाएगा। नई नीति में 500 या इससे कम आबादी वाले गांवों में शराब ठेके खोलने पर रोक और शराब विज्ञापनों पर सख्त प्रतिबंध जैसे प्रमुख सुधार शामिल हैं। आइए, इस नीति के मुख्य बिंदुओं को विस्तार से समझें।
नई आबकारी नीति के प्रमुख प्रावधान
नई आबकारी नीति सामाजिक जिम्मेदारी, राजस्व वृद्धि, और नियामक अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसके प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं:
1. छोटे गांवों में शराब ठेके पर रोक
500 या इससे कम आबादी वाले गांवों में शराब के उप-विक्रेताओं को दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी।
प्रभाव: इससे 700 गांवों में 152 ठेके बंद होंगे, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की उपलब्धता को सीमित करना और सामाजिक बुराइयों को कम करना है।
उद्देश्य: छोटे गांवों में शराब की खपत को नियंत्रित कर सामाजिक और पारिवारिक कल्याण को बढ़ावा देना।
2. शराब विज्ञापनों पर सख्त प्रतिबंध
विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध: लाइसेंस-प्राप्त क्षेत्रों में शराब के सभी प्रकार के विज्ञापन, साइन बोर्ड, और प्रचार सामग्री पर सख्त रोक लगाई गई है।
जुर्माना और सजा:
पहली बार उल्लंघन: ₹1 लाख जुर्माना।
दूसरी बार: ₹2 लाख जुर्माना।
तीसरी बार: ₹3 लाख जुर्माना और लाइसेंस रद्द।
हाईवे पर विजिबिलिटी: नेशनल और स्टेट हाईवे से शराब ठेके दिखाई नहीं देंगे, ताकि सड़क पर ड्राइवरों को प्रलोभन से बचाया जा सके।
स्वास्थ्य चेतावनी: सभी ठेकों पर “शराब पीना सेहत के लिए खतरनाक है” और “शराब पीकर ड्राइव न करें” जैसे बोर्ड अनिवार्य होंगे।
3. शराब दुकानों की दूरी बढ़ाई गई
शराब की दुकानों को स्कूल, कॉलेज, मंदिर, और अन्य धार्मिक स्थानों से न्यूनतम दूरी 75 मीटर से बढ़ाकर 150 मीटर की गई।
उद्देश्य: शैक्षिक और धार्मिक स्थानों के आसपास शराब की बिक्री को सीमित कर नैतिक और सामाजिक मूल्यों की रक्षा करना।
4. दुकानों और जोन की संख्या
कुल दुकानें: 2,400 शराब दुकानें, जो 1,200 जोन में विभाजित होंगी। यह संख्या पिछले वर्षों की तरह ही रखी गई है।
लाइसेंस आवंटन: दुकानों का आवंटन ई-नीलामी के माध्यम से होगा, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
5. अहाता (शराब पीने के स्थान) के लिए नियम
क्षेत्रफल: अहाता का न्यूनतम क्षेत्रफल 1,000 वर्ग मीटर होगा।
लाइसेंस फीस:
गुरुग्राम और फरीदाबाद: लाइसेंस फीस का 4%।
सोनीपत और प Governance: लाइसेंस फीस का 3%।
अन्य जिले: लाइसेंस फीस का 1%।
उद्देश्य: अहाता संचालन को विनियमित करना और अवैध गतिविधियों को रोकना।
6. राजस्व लक्ष्य
वित्त वर्ष 2025-26: ₹14,064 करोड़ का राजस्व लक्ष्य, जो मौजूदा नीति के ₹12,700 करोड़ से अधिक है।
वित्त वर्ष 2026-27: ₹15,500 करोड़ का अनुमानित राजस्व।
वृद्धि रणनीति: सख्त नियामक उपायों और पारदर्शी लाइसेंसिंग के माध्यम से अवैध शराब बिक्री को कम करना।
7. नीति का समायोजन
वर्तमान अवधि: 12 जून 2025 से 31 मार्च 2027 (21.5 महीने)।
भविष्य में समायोजन: नीति को वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) के साथ संरेखित किया जाएगा, ताकि राजस्व प्रबंधन और लेखांकन आसान हो।
अन्य महत्वपूर्ण कैबिनेट फैसले
आबकारी नीति के अलावा, मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित फैसले भी लिए:
पंडित लख्मीचंद कलाकार सामाजिक सम्मान योजना: पात्र लोक कलाकारों को ₹7,000-₹10,000 मासिक मानदेय।
अग्निवीरों के लिए लाभ: युद्ध में शहीद अग्निवीरों के परिवारों को ₹1 करोड़ अनुग्रह राशि और पुलिस भर्ती में 20% कोटा।
हरियाणा AI विकास परियोजना: गुरुग्राम में ग्लोबल AI सेंटर और पंचकूला में एडवांस्ड कंप्यूटिंग फैसिलिटी के लिए ₹474.39 करोड़।
गौशालाओं के लिए छूट: भूमि खरीद/बिक्री पर स्टांप शुल्क माफी और गौसेवा आयोग का बजट ₹5,000 करोड़।
शहीद परिवारों के लिए सहायता: लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, नायक संदीप, कविता, और अभिषेक के परिवारों को वित्तीय सहायता और नौकरी।
सामाजिक सुधार और राजस्व वृद्धि की दिशा
हरियाणा की 2025-27 आबकारी नीति सामाजिक जिम्मेदारी और आर्थिक विकास के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास है। 500 से कम आबादी वाले गांवों में ठेके बंद करना और विज्ञापनों पर प्रतिबंध जैसे कदम सामाजिक बुराइयों को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, उच्च राजस्व लक्ष्य और सख्त नियामक उपाय हरियाणा की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेंगे। यह नीति ग्रामीण समुदायों, युवाओं, और धार्मिक स्थानों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए एक प्रगतिशील कदम है।