Haryana Weather Alert: हरियाणा में मौसम ने करवट ली है। बुधवार रात पलवल, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम और आसपास के क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी हुई। गुरुवार सुबह से ही कई जिलों में बादल छाए रहे, जबकि नारनौल और चरखी दादरी में हल्की धुंध देखी गई।
पश्चिमी विक्षोभ का असर और बारिश का अनुमान
मौसम विभाग ने 22 जनवरी से मौसम में बदलाव की संभावना जताई थी। हालांकि, बुधवार को दिनभर अधिकतर जिलों में धूप निकली, लेकिन रात को बादल छा गए। मौसम विभाग के अनुसार, कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण प्रदेश में अच्छी बारिश की संभावना कम है। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में केवल बादल छाए रहेंगे। इससे दिन का तापमान कुछ कम हो सकता है।
ठंड में इजाफा और शीतलहर का असर
24 जनवरी से प्रदेश में उत्तर-पश्चिमी हवाएं सक्रिय होंगी, जिससे ठंड बढ़ेगी। अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट के साथ शीतलहर, घना कोहरा और कोल्ड डे जैसी स्थिति बन सकती है।
जिलों में बारिश का हाल
फरीदाबाद में बुधवार रात 11 बजे के बाद मौसम ने करवट ली और बूंदाबांदी शुरू हुई। वहीं महेंद्रगढ़ में रात को बूंदाबांदी के बाद सुबह मौसम साफ हो गया।
हरियाणा में जनवरी के महीने में एक के बाद एक तीन पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुए। इनमें से दो कमजोर रहे, जिससे केवल हल्की बूंदाबांदी हुई। हाल ही में एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है, लेकिन वह भी कमजोर स्थिति में है। इसके बावजूद जनवरी में हरियाणा में अब तक औसत से 49 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है।
जिन जिलों में कम और ज्यादा बारिश हुई
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के छह जिलों—कैथल, जींद, करनाल, पानीपत, रोहतक और सोनीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। ये जिले राज्य में गेहूं उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं, और जनवरी की बारिश गेहूं की फसल के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है।
दूसरी ओर, सिरसा और नूंह जिलों में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है। इन दोनों जिलों में औसत से 339 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। पूरे हरियाणा की बात करें तो अब तक बारिश औसत से 49 प्रतिशत अधिक हुई है।
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आने वाले दिनों में बारिश की उम्मीद जताई जा रही है, जो गेहूं की फसल के लिए लाभदायक हो सकती है।
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