नई दिल्ली: दिल्ली में केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है। दरअसल दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना (Vinai Saxena) और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के बीच शुक्रवार को मीटिंग हुई. इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बात की.
सीएम केजरीवाल ने एलजी के साथ बैठक में हुई बातों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शेयर किया. उन्होंने कहा, "दिल्ली के काम में एलजी का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है. दिल्ली के काम नहीं हो पा रहे हैं. हम चाहते हैं कि आपसी भेद को हटाकर हम साथ मिलकर काम कर सके."
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, "इसी मंशा के साथ मैं आज एलजी से मिला. बहुत सारी कानूनी आर्डर और संविधान की किताब उनके पास लेकर गया. मैं आज कोर्ट का जजमेंट आपके सामने रख रहा हूं, जो मैंने एलजी के सामने भी रखा है. एलजी के पास कोई अधिकार नहीं है कि वो स्वतंत्र निर्णय ले सके."
164 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भेजना गलत: सीएम केजरीवाल
उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट खुद ये कह रहा है. मैंने उनसे कहा कि इसका सीधा मतलब है, जो 10 मनोनीत पार्षद एलजी ने चुने वो गलत थे. टीचर्स को ट्रेनिंग लेने के लिए विदेश जाने से रोकना गलत है. जेस्मिन शाह के दफ्तर को सील करना भी गलत है और हमारी पार्टी पर 164 करोड़ रुपये का रिकवरी का नोटिस भेजना भी गलत है. इस पर एलजी ने कहा कि 'मैं प्रशासक हूं और मैं कुछ भी कर सकता हूं.' उन्होंने कहा कि जो आप दिखा रहे हैं वो सुप्रीम कोर्ट का सिर्फ सुझाव हो सकता है. एलजी ने कहा कि मुझ पर ये नियम नहीं लागू होते."
सीएम केजरीवाल ने एलजी पर लगाए ये आरोप
दिल्ली के सीएम ने कहा, "मैंने संविधान के बारे में उनको बताया. मैंने हाईकोर्ट का जजमेंट भी बताया एलजी को, लेकिन वो बार-बार ये कहते रहे कि मैं एडमिनिस्ट्रटर हूं और मैं ये सब कर सकता हूं." इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय सक्सेना के बीच लगभग एक घंटे तक बैठक हुई. दिल्ली के सीएम और उपराज्यपाल के बीच यह बैठक एलजी सचिवालय में हुई. इस बैठक में अरविंद केजरीवाल अपने साथ संविधान, जीएनसीटीडी अधिनियम, टीबीआर, शिक्षा अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम, संविधान पीठ की आर्डर कॉपी साथ लेकर पहुंचे थे.
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