चंडीगढ़ – हरियाणा में हजारों परिवारों की पारिवारिक आय अचानक ‘शून्य’ दिखने पर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। परिवार पहचान पत्र (PPP) में शून्य आय दर्ज कराकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की आशंका जताई जा रही है। इस पूरे मामले को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
परिवारों की शून्य आय पर संदेह
परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण (PPP Authority) ने खुलासा किया है कि तकनीकी खामियों या जानबूझकर छेड़छाड़ के चलते करीब 50 हजार परिवारों की आय ‘शून्य’ दर्शाई गई है। सरकार का स्पष्ट कहना है कि किसी भी परिवार की आय शून्य नहीं हो सकती, खासकर तब जब परिवार में बुजुर्गों को बुढ़ापा पेंशन मिलती हो।
तकनीकी खामी या स्कैम?
PPP Authority के चीफ कोऑर्डिनेटर सतीश खोला ने बताया कि यदि किसी परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाती है और उनका नाम परिवार पहचान पत्र से कट जाता है, तो बाकी परिवार की आय ऑटोमेटिकली जीरो हो जाती है। पहले परिवार पहचान पत्र में शादी के समय फैमिली आईडी अलग करने का विकल्प था, लेकिन अब यह बंद कर दिया गया है, जिससे यह समस्या और बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
सतीश खोला द्वारा मुख्यमंत्री को दी गई जानकारी के बाद, नायब सिंह सैनी ने फील्ड कर्मचारियों और क्रिड (CRID) की टीमें तैनात कर जांच के आदेश दिए हैं। टीमों को यह सत्यापित करने को कहा गया है कि जिन परिवारों की आय जीरो दिखाई गई है, क्या वह सच में आर्थिक रूप से कमजोर हैं या उन्होंने जानबूझकर गलत जानकारी दी है।
पारदर्शिता की ओर कदम
सरकार का कहना है कि जांच के बाद ही वास्तविक गरीबों को लाभ मिल सकेगा और स्कैम करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। यह प्रक्रिया पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जरूरी है। राज्य में पहले ही करीब 3 लाख लोगों का डाटा अपडेट किया जा चुका है, जिनकी आय बढ़ने पर उनका बीपीएल कार्डरद्द कर दिया गया है।
आगे क्या?
सरकार की मंशा साफ है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वालों को ही योजनाओं का लाभ मिले। यदि कोई गलत जानकारी देकर लाभ ले रहा है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा सरकार पारिवारिक पहचान और आय सत्यापन को लेकर सख्त नजर आ रही है। अब यह जांच तय करेगी कि ये हजारों परिवार वाकई आर्थिक रूप से कमजोर हैं या यह एक सुनियोजित स्कैम है।