महेंद्रगढ़: आज के दौर में दहेज के कारण होने वाली दुखद घटनाएं अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। कोई विवाहिता दहेज की बलि चढ़ जाती है, तो कहीं दहेज के लिए प्रताड़ना की खबरें सामने आती हैं। लेकिन इन सबके बीच हरियाणा के नारनौल में एक ऐसी शादी हुई, जिसने समाज में सकारात्मकता की मिसाल कायम की। नारनौल के फैजाबाद गांव के नवीन और सलामपुरा की हेमा की शादी सिर्फ 1 रुपये के शगुन में संपन्न हुई। इस अनोखी शादी की चर्चा अब हर तरफ हो रही है, और लोग इसे दहेज विरोधी आंदोलन की शुरुआत मान रहे हैं।
1 रुपये में हुई शादी, बनी मिसाल
नारनौल के फैजाबाद गांव के रहने वाले नवीन एक प्राइवेट कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं। उनके पिता हवा सिंह हड्डियों के अस्पताल में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। नवीन का रिश्ता सलामपुरा की हेमा, जो एक किसान की बेटी हैं, के साथ तय हुआ। 18 अप्रैल 2025 को दोनों की सगाई की रस्में पूरी हुईं, जिसमें दूल्हे पक्ष ने दहेज के रूप में सिर्फ 1 रुपये का शगुन स्वीकार किया। 20 अप्रैल 2025 को नवीन और हेमा प्रणय सूत्र में बंध गए। इस शादी ने न केवल दहेज प्रथा को चुनौती दी, बल्कि समाज में एक नया संदेश भी दिया।
दहेज है दानव: नवीन के पिता
नवीन के पिता हवा सिंह ने कहा, “दहेज आज के समय में एक दानव बन चुका है। हम शुरू से ही दहेज के खिलाफ रहे हैं। जब नवीन का रिश्ता तय हुआ, तभी हमने साफ कर दिया था कि हम सिर्फ 1 रुपये शगुन के रूप में लेंगे। कन्यादान में भी हमने केवल 1 रुपये स्वीकार किया।” उन्होंने आगे कहा कि इस कदम से समाज में जागरूकता फैलेगी और लोग दहेज जैसी कुप्रथा को छोड़ने के लिए प्रेरित होंगे। हवा सिंह का यह बयान दहेज लोभियों के लिए एक सबक है।
दुल्हन हेमा का बयान
दुल्हन बनी हेमा ने अपनी शादी को लेकर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “मैं इस शादी से बहुत खुश हूं। मेरे पति और ससुराल वाले दहेज के सख्त खिलाफ हैं। यह शादी मेरे लिए गर्व की बात है।” हेमा ने बताया कि वह अभी अपनी पढ़ाई पूरी कर रही हैं, और उनके ससुराल वालों ने उन्हें पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया है। उनकी इस सोच ने नारनौल में कई युवाओं को प्रेरित किया है।
दहेज लोभियों के मुंह पर तमाचा
हेमा के दादा ओमप्रकाश ने बताया कि जब वे अपनी पोती के लिए रिश्ता देखने गए, तब नवीन का परिवार उन्हें बहुत पसंद आया। “लड़के वालों ने साफ कहा कि वे दहेज में कुछ नहीं लेंगे। यह सुनकर हमें बहुत खुशी हुई। आज समाज में ऐसे लोग कम ही मिलते हैं, जो दहेज लोभियों को करारा जवाब दे सकें।” ओमप्रकाश ने इस शादी को सामाजिक बदलाव की शुरुआत बताया।
समाज में सकारात्मक संदेश
यह शादी नारनौल और महेंद्रगढ़ में चर्चा का विषय बनी हुई है। स्थानीय लोग इसे एक क्रांतिकारी कदम मान रहे हैं। नारनौल के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश यादव ने कहा, “ऐसी शादियां समाज में जागरूकता फैलाने का काम करती हैं। दहेज के खिलाफ यह एक बड़ा संदेश है।” सोशल मीडिया पर भी इस शादी की तारीफ हो रही है। एक X पोस्ट में लिखा गया, “नारनौल में 1 रुपये में शादी करके नवीन और हेमा ने साबित कर दिया कि प्यार और विश्वास दहेज से ज्यादा कीमती हैं।”
नारनौल: बदलाव की नई शुरुआत
नारनौल, जो महेंद्रगढ़ जिले का मुख्यालय है, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है। यह शहर अब सामाजिक बदलाव के लिए भी जाना जा रहा है। हाल ही में नारनौल में आयोजित हाफ मैराथन और अन्य सामाजिक पहलों ने भी इस क्षेत्र को सुर्खियों में लाया है। नवीन और हेमा की यह शादी नारनौल को एक नई पहचान दे रही है, जहां लोग परंपराओं को तोड़कर समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।
दहेज के खिलाफ और पहल
हरियाणा में पहले भी दहेज मुक्त शादियों की मिसालें सामने आई हैं। 2024 में झज्जर में एक शादी में दूल्हे पक्ष ने 11 पौधे और 1 रुपये शगुन के रूप में स्वीकार किए थे। इन घटनाओं से साफ है कि हरियाणा का युवा वर्ग और उनके परिवार दहेज जैसी कुप्रथा को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सामाजिक संगठनों ने भी नवीन और हेमा की शादी की तारीफ की और इसे अन्य परिवारों के लिए प्रेरणा बताया।
सरकार की भूमिका
हरियाणा सरकार भी दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रही है। नारनौल में वात्सल्य मिशन जैसे कार्यक्रमों के तहत सामाजिक सुधारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार ने ऑनलाइन मैरिज रजिस्ट्रेशन पोर्टल शुरू किया है, जिससे शादी की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाया जा सके। इन प्रयासों से दहेज जैसी प्रथाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिल रही है।
समाज के लिए प्रेरणा
नवीन और हेमा की शादी न केवल एक व्यक्तिगत फैसला है, बल्कि यह समाज के लिए एक बड़ा संदेश है। यह शादी दहेज लोभियों को चुनौती देती है और युवाओं को यह सिखाती है कि शादी का आधार प्यार, सम्मान और विश्वास होना चाहिए, न कि दहेज। नारनौल के इस जोड़े ने साबित कर दिया कि छोटे-छोटे कदम भी समाज में बड़े बदलाव ला सकते हैं।
हरियाणा के लोग अब इस शादी को एक मिसाल के तौर पर देख रहे हैं। अगर आप भी इस शादी से प्रेरित हैं, तो अपने विचार सोशल मीडिया पर साझा करें और दहेज मुक्त भारत के लिए इस मुहिम का हिस्सा बनें। ताजा अपडेट्स के लिए स्थानीय समाचार पत्रों और हरियाणा सरकार की वेबसाइट पर नजर रखें।