हरियाणा के राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों को अब मिड-डे मील में स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन मिलेंगे। शिक्षा विभाग ने 1 मई 2025 से नए शैक्षणिक सत्र के साथ मिड-डे मील के मेन्यू में बदलाव किया है। इस बदलाव का मकसद बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ भोजन को स्वादिष्ट बनाकर उनकी रुचि बढ़ाना है।
18 नए व्यंजन होंगे मिड-डे मील में शामिल
शिक्षा विभाग ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत नया डाइट प्लान तैयार किया है, जिसमें 18 पौष्टिक व्यंजन शामिल किए गए हैं। अब बच्चों को सप्ताह के हर दिन अलग-अलग व्यंजन परोसे जाएंगे। मेन्यू में शामिल कुछ प्रमुख आइटम हैं:
मोटे अनाज का भरवा पराठा
दही
कढ़ी-पकोड़ा
वेज बिरयानी
मिक्स दाल-चावल
पोहा, खिचड़ी, सब्जी-रोटी आदि
यह व्यंजन बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने और उन्हें बीमारियों से दूर रखने में सहायक होंगे।
कहां-कहां मिलेगा यह नया भोजन?
जिले के कुल 421 राजकीय प्राथमिक विद्यालय और 152 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में इस योजना के तहत मिड-डे मील परोसा जा रहा है। वर्ष 2024 में कक्षा पहली से आठवीं तक के करीब 82,000 विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले चुके हैं।
लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मिड-डे मील के मेन्यू में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मिड-डे मील प्रभारी की जिम्मेदारी तय की गई है कि भोजन निर्धारित मेन्यू के अनुसार ही तैयार और परोसा जाए।
यदि कोई स्कूल मेन्यू का पालन नहीं करता, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
हर माह होगी भोजन की गुणवत्ता की जांच
सभी स्कूलों में हर महीने मिड-डे मील का लैब टेस्ट करवाना अनिवार्य किया गया है।
लैब टेस्ट के जरिए यह जांचा जाएगा कि भोजन में पर्याप्त पोषक तत्व हैं या नहीं।
अगर भोजन की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई, तो मिड-डे मील प्रभारी पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
इस कदम से होंगे ये फायदे
बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी
विद्यालयों में हाजिरी दर में सुधार होगा
बच्चों को मिलेगा संतुलित आहार, जिससे उनकी तंदरुस्ती बेहतर होगी
स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में कमी आएगी