Happy Card Yojana: हरियाणा में हैप्पी कार्ड को लेकर बड़ी अपडेट, अधिकारियों ने उठाया बड़ा कदम

Happy Card Yojana: हरियाणा सरकार की हैप्पी कार्ड योजना के तहत अंबाला कैंट बस स्टैंड पर बनाए गए करीब 5000 कार्ड लाभार्थियों द्वारा नहीं लिए गए हैं। रोडवेज कर्मचारियों के मुताबिक बार-बार फोन करने के बावजूद लोग कार्ड लेने नहीं आ रहे हैं। कई ...

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Happy Card Yojana: हरियाणा सरकार की हैप्पी कार्ड योजना के तहत अंबाला कैंट बस स्टैंड पर बनाए गए करीब 5000 कार्ड लाभार्थियों द्वारा नहीं लिए गए हैं। रोडवेज कर्मचारियों के मुताबिक बार-बार फोन करने के बावजूद लोग कार्ड लेने नहीं आ रहे हैं। कई लाभार्थियों के फोन बंद हैं, तो कुछ कार्ड लेने से साफ मना कर रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार, अंबाला में अब तक 73 हजार हैप्पी कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 67,700 कार्ड लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं। बाकी 5,000 कार्ड दफ्तरों में बिना उपयोग के पड़े हैं।


कार्ड लेने में लोगों की रुचि खत्म, कर्मचारी कर चुके हैं सैकड़ों कॉल

रोडवेज कर्मचारियों के अनुसार, कई बार लाभार्थियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन या तो उनके फोन बंद हैं या फिर वह कार्ड लेने आने से मना कर रहे हैं। कुछ लोगों ने तो यह तक कह दिया कि उन्होंने गलती से आवेदन कर दिया था।


योजना को लेकर पहले था उत्साह, अब दफ्तर हो चुके हैं खाली

अंबाला छावनी, अंबाला शहर, बराड़ा, मुलाना और शहजादपुर बस स्टैंड पर पहले हैप्पी कार्ड एक्टिवेशन सेंटर चालू थे, लेकिन लाभार्थियों की कम संख्या के कारण अब अधिकांश स्थानों पर कार्यालय बंद कर दिए गए हैं। फिलहाल सिर्फ अंबाला कैंट में ही हैप्पी कार्ड बनवाने और वितरण का कार्य चल रहा है।


गरीबों के लिए शुरू की गई थी योजना, सरकार उठाती है सफर का खर्च

हैप्पी कार्ड योजना हरियाणा सरकार द्वारा एक लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत लाभार्थी साल में 1000 किलोमीटर तक रोडवेज में मुफ्त सफर कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ 50 रुपये का शुल्क देना होता है, बाकी खर्च सरकार उठाती है।


बस स्टैंड इंचार्ज ने दी जानकारी

अंबाला कैंट बस स्टैंड इंचार्ज कर्ण सिंह ने बताया कि “करीब 5000 लाभार्थियों के कार्ड तैयार हो चुके हैं, लेकिन लोग इन्हें लेने नहीं आ रहे हैं। कर्मचारियों ने सैकड़ों बार कॉल किए हैं लेकिन ज़्यादातर लाभार्थी संपर्क में नहीं हैं। योजना का लाभ बहुत ही कम लोग उठा रहे हैं, जबकि यह गरीब परिवारों के लिए बड़ी राहत हो सकती है।”


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कावेरी "द न्यूज़ रिपेयर" की एक समर्पित और खोजी पत्रकार हैं, जो जमीनी हकीकत को सामने लाने के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी में सामाजिक सरोकार, जनहित और निष्पक्ष रिपोर्टिंग की झलक मिलती है। कावेरी का उद्देश्य है—सच्ची खबरों के ज़रिए समाज में बदलाव लाना और उन आवाज़ों को मंच देना जो अक्सर अनसुनी रह जाती हैं। पत्रकारिता में उनकी पैनी नजर और निष्पक्ष दृष्टिकोण "द न्यूज़ रिपेयर" को विश्वसनीयता की नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।

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