चंडीगढ़: हरियाणा में इस गर्मी के सीजन में बिजली की डिमांड 3 हजार मेगावाट बढ़कर 12 हजार से 15 हजार मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है। गर्मी और धान रोपाई के कारण बिजली की खपत बढ़ेगी। बिजली निगमों ने निर्बाध बिजली सप्लाई के लिए 5 मेगा प्लानिंग की है।
बिजली डिमांड क्यों बढ़ेगी?
हरियाणा में गर्मी के मौसम और धान की फसल के दौरान बिजली की मांग बढ़ जाती है। इसका मुख्य कारण है:
- कृषि पंपों का लोड: धान रोपाई के लिए पानी की जरूरत बढ़ती है।
- एयर कंडीशनिंग का उपयोग: घरों और दफ्तरों में AC का इस्तेमाल बढ़ जाता है।
5 मेगा प्लानिंग क्या हैं?
बिजली की डिमांड पूरी करने के लिए हरियाणा ने ये 5 बड़े कदम उठाए हैं:
- केंद्र से अतिरिक्त बिजली: केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने मई 2025 के लिए 161 मेगावाट और जून से सितंबर तक हर महीने 193 मेगावाट बिजली हरियाणा को दी है।
- अल्पकालिक बिजली खरीद: मई से अक्टूबर तक 200 से 1400 मेगावाट बिजली प्रतिस्पर्धी बोली से खरीदी जाएगी।
- बैंकिंग व्यवस्था: जुलाई से सितंबर 2025 तक अन्य राज्यों से 500 से 700 मेगावाट बिजली मिलेगी।
- मध्यम अवधि खरीद: 5 साल के लिए 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीदने की प्रक्रिया शुरू।
- पावर एक्सचेंज: अगर कमी हुई तो पावर एक्सचेंज से तुरंत बिजली खरीदी जाएगी।
हरियाणा की तैयारी
बिजली निगमों ने गर्मी और धान के सीजन में बिना कटौती बिजली देने की पूरी योजना बनाई है। मौजूदा दीर्घकालिक और मध्यम अवधि के बिजली समझौतों के साथ ये नई व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि हरियाणा में बिजली की कमी न हो।