मुंबई: हरिशरण देवगन, जिन्हें करण देवगन के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे प्रेरणादायक जैविक खेती उद्यमी हैं, जिन्होंने निचे एग्रीकल्चर लिमिटेड को देश की सबसे बड़ी जैविक खेती कंपनी बनाकर टिकाऊ कृषि में क्रांति ला दी। 2001 में स्थापित निचे एग्रीकल्चर ने अनार की जैविक खेती को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और नैतिकता, ईमानदारी, और नवाचार के दम पर वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई। मुंबई में एक सिख परिवार में जन्मे हरिशरण ने साधारण शुरुआत से ऑर्गेनिक फार्मर ऑफ द ईयर और एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते। उनकी कहानी “बड़ा सोचो, छोटी शुरुआत करो” के मंत्र को जीवंत करती है, जो लाखों किसानों के लिए प्रेरणा है।
निचे एग्रीकल्चर: जैविक खेती की नई परिभाषा
निचे एग्रीकल्चर लिमिटेड, जिसकी स्थापना 2001 में हरिशरण देवगन ने की, आज भारत की सबसे बड़ी जैविक अनार उत्पादक कंपनी है। कंपनी का दर्शन “नैतिक रूप से सीमाओं को तोड़ना” है, जो टिकाऊ कृषि, जैव विविधता संरक्षण, और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं पर आधारित है। 6200 गिर गायों के बायोमास और पशु अपशिष्ट का उपयोग कर निचे ने वर्मी-कम्पोस्ट और प्राकृतिक पोषण मॉडल को मानकीकृत किया, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ी और उत्पादकता में 30% की वृद्धि हुई। कंपनी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, क्षेत्रीय फसलों, और जल-बचत तकनीकों को बढ़ावा देती है, जिसने 6000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया है।
2013 में निचे ने जैविक खाद्य और जैव विविधता संरक्षण का विजन सेट किया, जिसके तहत अनार को प्रमुख फसल बनाया। हरिशरण ने बारिश के अनियमित पैटर्न और मिट्टी की खराब सेहत जैसी चुनौतियों का सामना करते हुए वैज्ञानिक खेती और जलवायु-लचीली तकनीकों को अपनाया। नतीजतन, निचे ने सबसे बड़े जैविक अनार उत्पादक का खिताब हासिल किया, जिसकी मांग यूरोप, मध्य पूर्व, और अमेरिका में बढ़ रही है।
हरिशरण देवगन: एक दूरदर्शी उद्यमी
हरिशरण देवगन का जन्म मुंबई में एक सैन्य पृष्ठभूमि वाले सिख परिवार में हुआ। बचपन से ही उनकी रुचि प्रकृति, घोड़ों, और सपनों को वास्तविकता में बदलने में थी। उन्होंने 200 से अधिक घुड़दौड़ जीतीं और निचे रेसिंग के जरिए इस जुनून को व्यवसाय में बदला। इसके अलावा, निचे फिल्म्स और पैनोरमा स्टूडियो के साथ फिल्म वितरण और निर्माण में कदम रखकर उन्होंने मनोरंजन उद्योग में भी अपनी छाप छोड़ी।
हरिशरण का सबसे बड़ा डर असफलता था, लेकिन उन्होंने इसे अपनी ताकत बनाया। “एक पेशेवर वह है जो तब भी सर्वश्रेष्ठ देता है, जब उसका मन न हो”—इस सिद्धांत ने उन्हें जैविक खेती में अग्रणी बनाया। उनकी कंपनी ने गौ-आधारित खेती, मिश्रित फसलें, और पशुपालन को एकीकृत कर आत्मनिर्भर मॉडल विकसित किया। 2023 में निचे ने 10,000 मीट्रिक टन जैविक अनार का निर्यात किया, जिससे ₹500 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।
भांग की खेती: भविष्य की क्रांति
निचे एग्रीकल्चर भांग की खेती और भांग-आधारित औषधियों में अग्रणी बनने की दिशा में काम कर रहा है। हरिशरण ने वर्षों तक भांग के औषधीय गुणों पर शोध किया, लेकिन कानूनी प्रतिबंधों के कारण इसे लागू नहीं कर सके। 2025 में भारत में भांग की खेती को वैध बनाने की नीतियों के साथ, निचे अब भांग-आधारित दवाओं और टिकाऊ उत्पादों की क्रांति का नेतृत्व करने को तैयार है। कंपनी ने ऑटोमेशन, AI, और IoT आधारित खेती तकनीकों को अपनाकर उत्पादन लागत में 25% की कमी की है।
नैतिकता और ईमानदारी: हरिशरण का मूलमंत्र
हरिशरण देवगन ने हमेशा नैतिकता और ईमानदारी को अपने व्यवसाय का आधार बनाया। उन्होंने किसान समुदायों को शिक्षित करने के लिए 500 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित कीं, जिसमें जैविक खेती, मिट्टी प्रबंधन, और कीट नियंत्रण पर जागरूकता फैलाई। परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी सरकारी योजनाओं के तहत निचे ने 20,000 किसानों को जोड़ा। हरिशरण का मानना है कि “देखना ही विश्वास करना है”, और उनकी कंपनी ने वैज्ञानिक खेती को पारंपरिक ज्ञान के साथ जोड़कर यह साबित किया।
पुरस्कार और उपलब्धियां
हरिशरण देवगन ने अपनी मेहनत और नवाचार के लिए कई पुरस्कार जीते:
ऑर्गेनिक फार्मर ऑफ द ईयर (2018): जैविक अनार उत्पादन में योगदान के लिए।
एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर (2020): टिकाऊ कृषि में नेतृत्व के लिए।
ग्लोबल एग्री इनोवेशन अवॉर्ड (2022): भांग और जैविक खेती शोध के लिए।
भारत गौरव सम्मान (2024): किसान समुदाय के उत्थान के लिए।
2025 में निचे एग्रीकल्चर को फार्म टू फोर्क मॉडल के लिए FICCI एग्री अवॉर्ड मिला, जो जैविक खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता और गुणवत्ता के लिए था।
चुनौतियां और समाधान
हरिशरण ने मिट्टी की खराब सेहत, जलवायु परिवर्तन, और अनियमित बारिश जैसी चुनौतियों का सामना किया। ड्रिप इरिगेशन, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, और मल्चिंग जैसी तकनीकों ने पानी की खपत में 40% की कमी की। AI-आधारित मॉनिटरिंग और सेंसर-बेस्ड खेती ने उर्वरक लागत को 20% तक कम किया। निचे ने कृषि स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी कर ड्रोन और रोबोटिक्स को अपनाया, जिससे खरपतवार प्रबंधन और फसल निगरानी में क्रांति आई।
सामाजिक प्रभाव और प्रेरणा
हरिशरण देवगन ने जैविक खेती को केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि सामाजिक मिशन बनाया। निचे फार्मर ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत 15 राज्यों में 50,000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया गया। कंपनी ने महिला किसानों को सशक्त बनाने के लिए 2000 SHGs का गठन किया। X पर एक यूजर ने लिखा, “हरिशरण देवगन ने जैविक खेती को नया आयाम दिया। निचे एग्रीकल्चर भारत का गौरव है।” (@AgriReformer) एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “अनार की खेती में क्रांति लाने वाले हरिशरण नैतिकता और नवाचार का प्रतीक हैं।” (@FarmFuture)
भविष्य की योजनाएं
2026 तक निचे एग्रीकल्चर का लक्ष्य 1 लाख टन जैविक उत्पाद का निर्यात और 10 लाख किसानों को जोड़ना है। कंपनी भांग-आधारित टेक्सटाइल, दवाएं, और बायोप्लास्टिक पर शोध कर रही है। हरिशरण का कहना है, “हमारा विजन भारत को जैविक खेती का वैश्विक हब बनाना है, जहां हर किसान आत्मनिर्भर और सम्मानित हो।”
किसानों और पाठकों के लिए अपील
अगर आप जैविक खेती शुरू करना चाहते हैं, तो निचे एग्रीकल्चर की वेबसाइट (www.nicheagriculture.com) पर फ्री ट्रेनिंग मॉड्यूल और कंसल्टेंसी का लाभ लें। परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) और NPOP सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन करें। हरिशरण देवगन की कहानी पढ़कर प्रेरित हों और टिकाऊ खेती को अपनाएं। ताजा अपडेट्स के लिए निचे के X हैंडल (@NicheAgriIndia) फॉलो करें।
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