Haryana Water Crisis : पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद के बाद अब भाखड़ा डैम से पानी के बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों में टकराव तेज हो गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर पानी के अधिकार की लड़ाई लड़ने का फैसला किया।
मुख्य मुद्दे और सर्वदलीय बैठक के फैसले
बैठक में पानी संकट पर चिंता जताते हुए सभी नेताओं ने पंजाब पर हरियाणा के हिस्से का पानी रोकने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा केवल अपने हिस्से का पानी मांग रहा है, न कि पंजाब का अतिरिक्त पानी। सभी दलों ने कहा कि पंजाब सरकार के दावे तथ्यहीन हैं और भ्रामक प्रचार कर रही है।
पानी संकट पर क्या बोले मुख्यमंत्री?
हरियाणा को अपने हिस्से का 3.5 MAF पानी मिलना चाहिए, लेकिन SYL नहर न बनने की वजह से केवल 1.62 MAF ही मिल पा रहा है।
पंजाब ने सिंचाई ही नहीं, पीने के पानी की आपूर्ति भी रोक दी है।
केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा, जिससे स्थिति गंभीर बनी हुई है।
बीबीएमबी के आंकड़े और पानी की स्थिति
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने पिछले 10 वर्षों के आंकड़े साझा किए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाखड़ा डैम का पानी राष्ट्र की संपत्ति है और हरियाणा को उसका अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने बीबीएमबी में हरियाणा के स्थाई सदस्य की जरूरत पर भी जोर दिया।
मान सरकार के दावों को बताया झूठा
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि पंजाब सरकार का यह दावा कि हरियाणा ने अपने हिस्से का पानी 31 मार्च तक इस्तेमाल कर लिया है, गलत है। बीबीएमबी की टेक्निकल कमेटी ने अप्रैल-2025 के लिए भी पानी का आवंटन किया था, लेकिन मान सरकार ने इसे रोक दिया।
आम आदमी पार्टी का भी विरोध
AAP के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि वे हरियाणा के हितों के लिए सरकार के साथ हैं और पानी के अधिकार की इस लड़ाई में पूरी तरह समर्थन देंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।