चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य की सुरक्षा को देखते हुए मानव रहित विमान प्रणाली (UAV) यानी ड्रोन पर 25 मई तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने मंगलवार को यह जानकारी साझा की।
संभावित खतरों से निपटने की तैयारी
राज्य के सभी उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को भेजे गए पत्र में मिश्रा ने कहा कि यह कदम संभावित सुरक्षा खतरों को रोकने और संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी को बेहतर बनाने के मकसद से उठाया गया है।
“यह निर्णय राज्य की समग्र सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।” – सुमिता मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव
इन एजेंसियों को मिली छूट
हालांकि, प्रतिबंध के बावजूद कुछ अधिकारिक एजेंसियों को अपने कार्यों के लिए ड्रोन उड़ाने की अनुमति दी गई है। इनमें शामिल हैं:
भारतीय सेना
केंद्रीय अर्धसैनिक बल
हरियाणा पुलिस
राष्ट्रीय आपदा प्रतिवादन बल (NDRF)
राज्य आपदा मोचन बल (SDRF)
इन एजेंसियों को सिर्फ आधिकारिक कार्यों के लिए ड्रोन उपयोग की छूट दी गई है।
ड्रोन गतिविधियों पर सख़्त निगरानी के निर्देश
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी पुलिस इकाइयों और स्थानीय प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में ड्रोन गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देने को कहा गया है, ताकि समय रहते कानूनी कार्रवाई की जा सके।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सतर्कता
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा क्षेत्रों में ड्रोन की गतिविधियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमलों की खबरों के बीच, भारत ने भी जवाबी कार्रवाई में 11 पाकिस्तानी एयरबेस तबाह किए थे। ऐसे माहौल में हरियाणा जैसे स्ट्रैटेजिक राज्यों में ड्रोन प्रतिबंध एक एहतियाती कदम माना जा रहा है।
निष्कर्ष: हरियाणा सरकार का यह फैसला राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। ड्रोन जैसी तकनीकें जहां विकास और निगरानी के लिए उपयोगी हैं, वहीं गलत हाथों में पड़कर यह बड़ा खतरा भी बन सकती हैं। ऐसे में नागरिकों से अपील है कि वे इस आदेश का पालन करें और किसी भी संदिग्ध ड्रोन गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।