भाखड़ा डैम से हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के फैसले के बाद पंजाब और हरियाणा के बीच तनाव बढ़ गया है। यह निर्णय बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) ने लिया, जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच जल विवाद ने गंभीर मोड़ ले लिया।
पानी की आपूर्ति को लेकर हरियाणा और पंजाब में लगातार मतभेद उत्पन्न हो रहे हैं। हरियाणा को अधिक पानी दिए जाने के निर्णय के बाद पंजाब सरकार ने इसका विरोध किया है। वहीं, हरियाणा सरकार इसे अपनी जरूरत और अधिकार मान रही है। इस विवाद को लेकर अब दिल्ली में एक बैठक शुरू हो चुकी है, जिसमें दोनों राज्यों के अधिकारी, साथ ही राजस्थान और हिमाचल के अधिकारी भी शामिल हैं।
केंद्र सरकार की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों के अलावा, बीबीएमबी के अधिकारी भी उपस्थित हैं। बैठक में जल संकट और दोनों राज्यों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर चर्चा हो रही है।
मुख्य पक्षकारों की भूमिका
बैठक में हरियाणा की ओर से मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और गृह सचिव सुमित्रा मिश्रा शामिल हुए हैं। वहीं, पंजाब के मुख्य सचिव छुट्टी पर होने के कारण, उनकी जगह अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक शेखर और जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार बैठक में भाग ले रहे हैं।
केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में बैठक
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक का उद्देश्य दोनों राज्यों के बीच चल रहे जल विवाद का समाधान ढूंढना है। इसके अलावा, बीबीएमबी के अधिकारियों की भी बैठक में महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि जल वितरण के लिए बोर्ड के फैसले का सीधा असर इन दोनों राज्यों के जल संसाधनों पर पड़ता है।
यह जल विवाद हाल ही में और भी गंभीर हो गया है, क्योंकि दोनों राज्यों के लिए पानी की उपलब्धता एक प्रमुख मुद्दा बन चुकी है, जो राज्य की कृषि और नागरिक जीवन के लिए अत्यधिक आवश्यक है।
जल विवाद पर चल रही यह चर्चा आने वाले समय में दोनों राज्यों के रिश्तों को प्रभावित कर सकती है, खासकर यदि इसके समाधान में देरी होती है।
क्या है इस जल विवाद का भविष्य?
हालांकि इस मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब के बीच विवाद जारी है, लेकिन दोनों राज्यों की सरकारें उम्मीद कर रही हैं कि दिल्ली की बैठक में जल वितरण के संबंध में एक स्पष्ट और व्यावहारिक समाधान निकल आएगा, जो दोनों राज्यों के लिए समान रूप से लाभकारी हो।