जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए एक दिल दहलाने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। पर्यटकों के बीच मशहूर बैसरन घाटी में आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें भारतीय नौसेना के 26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शहीद हो गए। यह हमला उस समय हुआ जब विनय अपनी नवविवाहिता पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून मनाने पहलगाम आए थे। इस हमले में कुल 26 लोगों की जान गई, जिसमें दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं। लश्कर-ए-तैयबा के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस कायराना हमले की जिम्मेदारी ली है।
विनय नरवाल कौन थे?
हरियाणा के करनाल जिले के भूसली गांव के रहने वाले विनय नरवाल ने दो साल पहले भारतीय नौसेना में अपनी सेवाएं शुरू की थीं। वे कोच्चि, केरल में तैनात थे। 16 अप्रैल 2025 को उनकी शादी गुरुग्राम की हिमांशी के साथ मसूरी में एक डेस्टिनेशन वेडिंग में हुई थी। 19 अप्रैल को करनाल में रिसेप्शन के बाद, 21 अप्रैल को यह जोड़ा हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर रवाना हुआ। यूरोप में हनीमून का उनका प्लान वीजा न मिलने के कारण रद्द हो गया था, जिसके बाद उन्होंने पहलगाम की खूबसूरत वादियों को चुना। लेकिन आतंकियों ने उनके सपनों को बेरहमी से कुचल दिया।
हमले का भयावह मंजर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, 22 अप्रैल को दोपहर करीब 2:30 बजे आतंकी सेना की वर्दी में बैसरन घाटी में पहुंचे। यह इलाका घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा है, जहां पर्यटक पैदल या घोड़ों पर घूमने जाते हैं। आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और फिर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। विनय और हिमांशी उस समय एक स्थानीय स्टॉल पर भेलपुरी खा रहे थे। आतंकियों ने विनय से उनका धर्म पूछा और फिर उनकी छाती, गले और बांह में गोलियां मार दीं। विनय ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि हिमांशी इस हमले में सुरक्षित रहीं।
हिमांशी का मार्मिक बयान
हमले के बाद हिमांशी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह रोते हुए कह रही हैं, “हम बस भेलपुरी खा रहे थे। उसने मेरे पति से पूछा कि तुम हिंदू हो या मुस्लिम। फिर उन्होंने गोली मार दी।” इस वीडियो ने पूरे देश में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। हिमांशी की तस्वीर, जिसमें वह विनय के शव के पास बैठी हैं, ने लोगों का दिल तोड़ दिया।
परिवार और करनाल में शोक की लहर
विनय की शहादत की खबर मिलते ही उनके परिवार में कोहराम मच गया। उनके पिता राजेश नरवाल (एक्साइज विभाग में कार्यरत), मां आशा नरवाल, बहन सृष्टि और दादा हवा सिंह (पुलिस विभाग से रिटायर्ड) सदमे में हैं। करनाल के सेक्टर 7 में उनके घर पर लोगों का तांता लगा हुआ है। पड़ोसी नरेश बंसल ने बताया, “19 अप्रैल को रिसेप्शन में सब खुश थे। विनय एक होनहार और देशभक्त युवा था।” विनय ने संत कबीर स्कूल, करनाल से 12वीं और सोनीपत से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी।
प्रशासन और सुरक्षा बलों की कार्रवाई
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना और सीआरपीएफ ने बैसरन घाटी को घेर लिया और आतंकियों की तलाश में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। भारतीय सेना की चिनार कोर ने बताया कि संयुक्त तलाशी अभियान जारी है और हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस जघन्य कृत्य के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटने के बाद हाई-लेवल मीटिंग बुलाई।
नेताओं और जनता का आक्रोश
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को “हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला” करार दिया। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पूर्ण कश्मीर बंद का आह्वान किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी हमले की निंदा की। सोशल मीडिया पर लोग विनय को श्रद्धांजलि दे रहे हैं और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। करनाल में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हुए, जहां लोगों ने आतंकियों को खत्म करने की मांग की।
विनय की अनकही कहानी
विनय का जन्म 1 मई को हुआ था, और परिवार उनके जन्मदिन की पार्टी की तैयारी कर रहा था। 3 मई को उन्हें हिमांशी के साथ कोच्चि लौटना था। विनय ने स्कूल के दिनों से ही कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (CDS) की तैयारी शुरू की थी, लेकिन सिलेक्शन न होने पर उन्होंने SSB के जरिए नौसेना में जगह बनाई। उनकी मेहनत और देशभक्ति ने उन्हें 24 साल की उम्र में लेफ्टिनेंट बनाया।
आतंकवाद का पुराना इतिहास
पहलगाम, जिसे मिनी स्विटरलैंड कहा जाता है, आमतौर पर पर्यटकों के लिए सुरक्षित माना जाता है। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। 2019 के पुलवामा हमले के बाद यह कश्मीर में सबसे घातक हमला है। सरकारी सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर के हालिया भड़काऊ बयानों ने आतंकी संगठनों को उकसाया।
सरकार से अपील
विनय के दादा हवा सिंह ने कहा, “हम सरकार से मांग करते हैं कि ऐसे आतंकियों को सख्त सजा दी जाए और आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जाए।” करनाल के लोगों ने भी आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
पहलगाम आतंकी हमला न केवल विनय और उनके परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। विनय नरवाल की शहादत ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित किया है।