चंडीगढ़, 25 अप्रैल 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, के विरोध में हरियाणा में आज (25 अप्रैल) कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से फोन पर बात कर पाकिस्तानी नागरिकों को राज्य से बाहर करने का निर्देश दिया।
अंबाला में VHP-बजरंग दल और पुलिस में नोकझोंक
अंबाला में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आतंकी हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने वाहनों को सड़क किनारे करने को कहा, जिस पर कार्यकर्ता भड़क गए। कार्यकर्ताओं ने तलवारें और फरसे लहराए और सड़क जाम करने की धमकी दी। बजरंग दल के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने स्थिति को संभाला। प्रदर्शन में “जय श्री राम” और “पाकिस्तान मुर्दाबाद” के नारे लगे।
रोहतक और फतेहाबाद में विरोध
रोहतक: आर्य समाज के सदस्यों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाकर आतंकी हमले की निंदा की। उन्होंने सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की।
फतेहाबाद: मोबाइल विक्रेताओं ने विरोध में मोबाइल मार्केट को सुबह से दोपहर 12 बजे तक बंद रखा। मार्केट प्रधान विकास कुमार ने कहा कि यह हमले के खिलाफ एकजुटता दिखाने का प्रयास है।
फरीदाबाद में हवन-यज्ञ
फरीदाबाद के सेक्टर 15 में BJP कार्यालय में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए हवन-यज्ञकिया। उन्होंने कहा कि देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और सरकार कठोर कदम उठाएगी।
हरियाणा सरकार अलर्ट
पहलगाम हमले और हरियाणा में बढ़ते प्रदर्शनों के बाद सरकार हाई अलर्ट पर है। चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक अहम बैठक बुलाई है। बैठक में:
होम सेक्रेटरी और DGP मौजूद रहेंगे।
डिविजनल कमिश्नर, ADGP, सभी जिलों के DC और SP वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे।
उद्देश्य: शांति बनाए रखना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना।
अमित शाह का निर्देश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से कहा कि हरियाणा में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें तुरंत बाहर किया जाए। यह निर्देश पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कठोर कदमों का हिस्सा है, जिसमें इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित करना और अटारी बॉर्डर बंद करना शामिल है।
पहलगाम के बाइसरण घास के मैदान में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक मारे गए। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली। भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद करार दिया और कई कूटनीतिक कदम उठाए।