दिल्ली में गाड़ी मालिकों के लिए अलर्ट: कलर-कोडेड फ्यूल स्टिकर लगाना अनिवार्य, नहीं लगाया तो 5000 रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली: दिल्ली में वाहन मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। दिल्ली सरकार ने कलर-कोडेड फ्यूल स्टिकर को गाड़ियों की विंडशील्ड पर लगाना अनिवार्य कर दिया है। यदि आपकी गाड़ी पर यह स्टिकर नहीं है, तो 5,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता ...

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कावेरी

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नई दिल्ली: दिल्ली में वाहन मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। दिल्ली सरकार ने कलर-कोडेड फ्यूल स्टिकर को गाड़ियों की विंडशील्ड पर लगाना अनिवार्य कर दिया है। यदि आपकी गाड़ी पर यह स्टिकर नहीं है, तो 5,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। इतना ही नहीं, बिना स्टिकर वाली गाड़ियों को प्रदूषण नियंत्रण (PUC) सर्टिफिकेट भी नहीं मिलेगा। यह नियम हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) के तहत लागू है और दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने सख्ती शुरू कर दी है, और अब ट्रैफिक पुलिस नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई कर रही है।

कलर-कोडेड फ्यूल स्टिकर क्या है?

कलर-कोडेड फ्यूल स्टिकर एक होलोग्राम स्टिकर है, जो गाड़ी की विंडशील्ड पर लगाया जाता है। यह स्टिकर दर्शाता है कि गाड़ी किस ईंधन पर चलती है—पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड। ये स्टिकर 2012-13 में HSRP के साथ शुरू किए गए थे और अप्रैल 2019 से सभी नई गाड़ियों के लिए अनिवार्य हैं। पुरानी गाड़ियों के लिए भी यह नियम लागू कर दिया गया है। स्टिकर को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि इसे हटाने की कोशिश करने पर यह खराब हो जाता है, जिससे छेड़छाड़ असंभव है।

ये स्टिकर तीन रंगों में उपलब्ध हैं:

  • हल्का नीला: पेट्रोल और सीएनजी गाड़ियों के लिए।

  • नारंगी: डीजल गाड़ियों के लिए।

  • ग्रे: इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड गाड़ियों के लिए।

स्टिकर पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर, रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी, लेजर-ब्रांडेड PIN, इंजन नंबर, और चेसिस नंबर जैसी जानकारी होती है, जो इसे और सुरक्षित बनाती है।

स्टिकर क्यों है जरूरी?

कलर-कोडेड फ्यूल स्टिकर दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये स्टिकर निम्नलिखित कारणों से अनिवार्य हैं:

  • प्रदूषण नियंत्रण: यह कानून प्रवर्तन और प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों को गाड़ी के ईंधन प्रकार की पहचान करने में मदद करता है। खासकर सर्दियों में जब प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

  • पर्यावरण नियमों का पालन: स्टिकर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) जैसे नियमों को लागू करना आसान होता है, जो प्रदूषण के स्तर के आधार पर वाहनों पर प्रतिबंध लगाता है।

  • वाहन चोरी पर रोक: HSRP और स्टिकर के साथ गाड़ी की जानकारी डिजिटल डेटाबेस में दर्ज होती है, जिससे चोरी की गाड़ियों को ट्रैक करना आसान होता है।

  • PUC सर्टिफिकेट: बिना स्टिकर के गाड़ी को PUC सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा, जो दिल्ली में गाड़ी चलाने के लिए अनिवार्य है।

दिल्ली में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) सर्दियों में अक्सर 400 से ऊपर चला जाता है, और वाहनों से होने वाला उत्सर्जन इसका 50% से अधिकहिस्सा है। ऐसे में यह स्टिकर प्रदूषण कम करने की रणनीति का अहम हिस्सा हैं।

नियम तोड़ने की सजा

यदि आपकी गाड़ी पर कलर-कोडेड स्टिकर नहीं है, तो मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 192(1) के तहत कार्रवाई होगी। इस धारा के अनुसार:

  • जुर्माना: 5,000 रुपये तक का चालान। कुछ मामलों में यह 10,000 रुपये तक हो सकता है, जो कंपाउंडिंग के बाद 5,500 रुपये हो जाता है।

  • PUC सर्टिफिकेट पर रोक: बिना स्टिकर वाली गाड़ियों को प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा।

  • वाहन जब्ती: बार-बार उल्लंघन करने पर गाड़ी को जब्त किया जा सकता है।

दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने 2020 में एक विशेष अभियान शुरू किया था, जिसमें 239 गाड़ियों को चालान जारी किए गए थे। 2025 में यह अभियान और सख्त हो गया है।

स्टिकर कैसे प्राप्त करें?

कलर-कोडेड फ्यूल स्टिकर प्राप्त करना आसान है और इसे ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करें:

  1. वेबसाइट पर जाएं: https://bookmyhsrp.com पर जाएं।

  2. विकल्प चुनें: अगर आपकी गाड़ी में पहले से HSRP है, तो ‘Only colour-coded sticker’ चुनें। अन्यथा, ‘HSRP and colour-coded sticker’ चुनें।

  3. वाहन विवरण दर्ज करें: गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर, इंजन नंबर, और ईंधन प्रकार (पेट्रोल/डीजल/सीएनजी/इलेक्ट्रिक) भरें।

  4. अपॉइंटमेंट बुक करें: नजदीकी डीलर या RTO चुनें। दिल्ली, नोएडा, और गाजियाबाद में होम डिलीवरी का विकल्प भी उपलब्ध है (अतिरिक्त 250 रुपये)।

  5. भुगतान करें: स्टिकर की कीमत 100 रुपये है। HSRP के साथ लागत 400 रुपये (दोपहिया) से 1,100 रुपये (चारपहिया) तक हो सकती है।

  6. डिलीवरी: स्टिकर डिलीवर हो जाएगा या डीलर द्वारा आपकी गाड़ी पर लगाया जाएगा।

जरूरी दस्तावेज: रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) में मौजूद जानकारी जैसे रजिस्ट्रेशन नंबर, रजिस्ट्रेशन डेट, चेसिस नंबर, और इंजन नंबर। कोई दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत नहीं है।

दिल्ली में सख्ती क्यों?

दिल्ली में 66% वायु प्रदूषण स्थानीय स्रोतों से आता है, जिसमें वाहन उत्सर्जन का बड़ा हिस्सा है। BS-III और BS-IV मानकों वाली पुरानी गाड़ियां ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं, और इनकी पहचान के लिए स्टिकर जरूरी हैं। 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से पुरानी पेट्रोल/सीएनजी गाड़ियों पर पहले से बैन है। ANPR कैमरे इन स्टिकर्स को स्कैन करके नियम तोड़ने वालों को पकड़ रहे हैं।

सोशल मीडिया पर भी इस नियम की चर्चा है। X पर एक यूजर ने लिखा, “दिल्लीवालों, गाड़ी पर फ्यूल स्टिकर लगाओ, वरना 5,000 का चालान पक्का!” एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “यह स्टिकर प्रदूषण कम करने में मदद करेगा। सरकार का अच्छा कदम।”

विशेषज्ञों की राय

पर्यावरण विशेषज्ञ अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा, “कलर-कोडेड स्टिकर और HSRP से प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी। यह सिस्टम डिजिटल डेटाबेस के साथ मिलकर वाहनों की निगरानी को और प्रभावी बनाएगा।” हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पड़ोसी राज्यों में समान नियम लागू न होने से दिल्ली की कोशिशें कमजोर हो सकती हैं।

वाहन मालिकों के लिए सलाह

  • तुरंत स्टिकर लगवाएं: चालान और PUC सर्टिफिकेट की परेशानी से बचने के लिए आज ही स्टिकर के लिए अप्लाई करें।

  • रसीद साथ रखें: अगर आपने स्टिकर के लिए आवेदन किया है, तो रसीद अपने पास रखें। इससे चालान से बचा जा सकता है।

  • अन्य नियमों का पालन: सुनिश्चित करें कि आपकी गाड़ी का PUC सर्टिफिकेट और HSRP भी अपडेटेड है।

  • जागरूकता फैलाएं: अपने दोस्तों और परिवार को इस नियम के बारे में बताएं।

दिल्ली सरकार का यह कदम राष्ट्रीय राजधानी को स्वच्छ और प्रदूषण-मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। ताजा अपडेट्स के लिए दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की वेबसाइट https://transport.delhi.gov.in और सोशल मीडिया हैंडल पर नजर रखें।

लेखक के बारे में
कावेरी
कावेरी "द न्यूज़ रिपेयर" की एक समर्पित और खोजी पत्रकार हैं, जो जमीनी हकीकत को सामने लाने के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी में सामाजिक सरोकार, जनहित और निष्पक्ष रिपोर्टिंग की झलक मिलती है। कावेरी का उद्देश्य है—सच्ची खबरों के ज़रिए समाज में बदलाव लाना और उन आवाज़ों को मंच देना जो अक्सर अनसुनी रह जाती हैं। पत्रकारिता में उनकी पैनी नजर और निष्पक्ष दृष्टिकोण "द न्यूज़ रिपेयर" को विश्वसनीयता की नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।

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