हरियाणा के सबसे चर्चित और विवादित IAS अधिकारी अशोक खेमका आज (30 अप्रैल 2025) रिटायर हो गए। 1991 बैच के इस सीनियर अफसर ने अपनी 34 साल की सेवा के दौरान 57 बार तबादलों का सामना किया, जिनमें से कई पोस्टिंग पर तो एक माह भी टिक नहीं पाए। फिलहाल वे हरियाणा परिवहन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) पद पर कार्यरत थे।
हरियाणा IAS एसोसिएशन ने उनके सम्मान में एक विदाई समारोह का पत्र भी जारी किया है। अशोक खेमका को देशभर में सबसे ज्यादा पहचान रॉबर्ट वाड्रा-DLF लैंड डील को रद्द करने के बाद मिली थी।
कौन हैं अशोक खेमका?
जन्म: 30 अप्रैल 1965, कोलकाता
शिक्षा:
कंप्यूटर साइंस में B.Tech – IIT खड़गपुर
कंप्यूटर साइंस में PhD – टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च
MBA (फाइनेंस और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन)
UPSC: 1990 में पास कर 1991 बैच के IAS अधिकारी बने
कैडर: हरियाणा
रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील से मिली सबसे बड़ी चर्चा
2012 में अशोक खेमका ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी और DLF के बीच गुरुग्राम के मानेसर-शिकोहपुर में हुई 3.5 एकड़ जमीन के म्यूटेशन को रद्द कर दिया।
इस सौदे में वाड्रा की कंपनी ने जमीन 7.5 करोड़ में खरीदी थी और मात्र 24 घंटे में उसका म्यूटेशन DLF के पक्ष में हो गया। उस समय हरियाणा में कांग्रेस सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे।
इस कार्रवाई के बाद खेमका देशभर में चर्चा में आ गए और 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने इस डील को अपना बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया।
2014 में ट्रक फिटनेस सर्टिफिकेट का विरोध
परिवहन आयुक्त रहते हुए खेमका ने 2014 में बड़े वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था, जिससे ट्रक चालकों ने हड़ताल कर दी। सरकार को एक साल की मोहलत देकर नए नियम लागू करने पड़े।
2023 में CM को लिखा पत्र, मांगी थी विजिलेंस में पोस्टिंग
खेमका ने 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर विजिलेंस में पोस्टिंग मांगी थी। उन्होंने पत्र में लिखा था कि वे भ्रष्टाचार से समझौता नहीं कर सकते, और इसी आदर्श के चलते उन्होंने अपने करियर की कुर्बानी दी।
अफसरों और मंत्रियों की राय
पूर्व मुख्य सचिव संजीव कौशल ने खेमका को 10 में से 9.8 अंक दिए और उन्हें अच्छा टीम लीडर बताया।
मंत्री अनिल विज ने रेटिंग को बढ़ाकर 9.9 कर दिया और खेमका को “दुर्लभ अधिकारी” कहा।
संजीव वर्मा से विवाद: खेमका का वरिष्ठ IAS संजीव वर्मा के साथ टकराव भी चर्चित रहा, जो लैंड डील की जांच को लेकर सामने आया।
सिर्फ 5 महीने पहले मिला था महत्वपूर्ण विभाग
रिटायरमेंट से 5 महीने पहले ही खेमका को परिवहन विभाग में ACS बनाया गया था। इससे पहले वे मुद्रण और स्टेशनरी विभाग में थे। अनिल विज ने ही सरकार को पत्र लिखकर खेमका की तैनाती की सिफारिश की थी।
प्रदीप कासनी से तुलना
हरियाणा के एक और चर्चित IAS अधिकारी प्रदीप कासनी का 33 साल में 70 बार ट्रांसफर हुआ। 2018 में रिटायर हुए कासनी को अंतिम 6 महीने की सैलरी तक नहीं मिली थी। खेमका के 57 ट्रांसफर की तुलना हमेशा कासनी से की जाती रही है।