रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त !
हरियाणा, डिजिटल डेक्स।। इस साल रक्षाबंधन का त्योहार कई शुभ संयोगों में पड़ा है। ज्योतिषाचार्य उदयवीर शास्त्री का कहना है कि पंचांग के अनुसार रक्षा बंधन का पावन त्योहार सावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
उदयवीर शास्त्री का कहना है कि पंचकों का राखी के शुभ अवसर पर विचार नहीं किया जाता है, केवल राहु काल को देखा जाता है।
राखी बांधते समय हर बहन को निम्न मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए, येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
शुभ मुहूर्त
*सिंह लग्न – अमृत की चौघड़िया-प्रातः 𝟓.𝟒𝟎 से 𝟕.𝟑𝟎 बजे तक*शुभ चौघड़िया- सुबह 𝟗.𝟎𝟖 से 𝟏𝟎.𝟒𝟎 तक*अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 𝟏𝟏.𝟑𝟔 से 𝟏𝟐.𝟐𝟒 तक रहेगा। यह सर्वोत्तम समय माना गया है.*वृश्चिक लग्न (स्थिर लग्न) – 𝟏𝟐.𝟑𝟖 बजे से 𝟏𝟒.𝟓𝟔 बजे तक*लाभ चौघड़िया – दोपहर 𝟑.𝟒𝟎 बजे से 𝟓.𝟏𝟕 बजे तक
*अशुभ समय – 𝟕.𝟑𝟎 बजे से 𝟗.𝟎𝟖 बजे तक, राहुकाल है इसका त्याग करना चाहिए।*काल चौघड़िया- सुबह 𝟕.𝟑𝟎 बजे से 𝟗.𝟎𝟖 बजे तक
भद्रा का विचार इन 4 स्थिति पर होता हैं
*पहला स्वर्ग या पाताल में भद्रा का वास
*प्रतिकूल काल वाली भद्रा हो
*दिनार्द्ध के अंतर वाली भद्रा
*भद्रा का पुच्छ काल
उदय वीर शास्त्री ने बताया भद्रा शनि की बहन थी। जिस प्रकार शनि क्रोधित स्वभाव के थे, वैसे ही भद्रा भी थी प्रत्येक शुभ मांगलिक कार्य में विघ्न डालना इसका स्वभाव था।
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