घाटी में टारगेट किलिंग पर भड़के राहुल गांधी, बोले- अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए है कश्मीरी पंडित

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. कश्मीर में टारगेट किलिंग्स और कश्मीरी पंडितों के पलायन को लेकर राहुल गांधी ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोलते हुए इसके लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहराया है.  भारतीय ...

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नई दिल्लीकांग्रेस नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. कश्मीर में टारगेट किलिंग्स और कश्मीरी पंडितों के पलायन को लेकर राहुल गांधी ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोलते हुए इसके लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहराया है

राहुल गांधी ने कहा कि सत्ता में आने से पहले बड़ीबड़ी बातें करने वाले देश के पीएम आज सत्ता सुख भोग रहे हैं और कश्मीरी अपने ही घर में शरणार्थी बने हुए हैं

राहुल गांधी ने कहा कि इस साल, कश्मीर में 30 टारगेट किलिंग्स की घटनाएं हो चुकी हैं. कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का पलायन तेज़ी से बढ़ रहा है. बीजेपी ने यूपीए द्वारा किए गए अच्छे कामों को बर्बाद कर दिया है.

पिछले कई दिनों से एक के बाद एक हत्याएं

कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट्ट की 15 अक्टूबर को शोपियां जिले के चौधरीगुंड गांव में उनके पुश्तैनी घर के बाहर आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद 18 अक्टूबर को शोपियां में अपने किराए के घर में सो रहे मोनीश कुमार और राम सागर भी आतंकवादियों के ग्रेनेड हमले में मारे गए थे

इस तरह की एक के बाद एक टारगेट किलिंग की घटनाओं के बाद कश्मीर के गांव में रह रहे कश्मीरी पंडितों में खौफ पैदा हो गया है और वे पलायन कर रहे हैं.

10 कश्मीरी पंडितों ने छोड़ा अपना गांव

चौधरीगुंड गांव के 10 कश्मीरी पंडित परिवार डर के कारण शोपियां का अपना गांव छोड़कर जम्मू पहुंच गए हैंगांव के लोगों ने कहा कि हाल के आतंकवादी हमलों ने उनके बीच डर पैदा हो गया हैउन्होंने बताया कि इतना डर तो 1990 के दशक में आतंकवाद के सबसे कठिन दौर में भी हमें नहीं हुआ था. हम तब भी  कश्मीर में रहते थे और हमने अपना घर नहीं छोड़ा था.


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कावेरी "द न्यूज़ रिपेयर" की एक समर्पित और खोजी पत्रकार हैं, जो जमीनी हकीकत को सामने लाने के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी में सामाजिक सरोकार, जनहित और निष्पक्ष रिपोर्टिंग की झलक मिलती है। कावेरी का उद्देश्य है—सच्ची खबरों के ज़रिए समाज में बदलाव लाना और उन आवाज़ों को मंच देना जो अक्सर अनसुनी रह जाती हैं। पत्रकारिता में उनकी पैनी नजर और निष्पक्ष दृष्टिकोण "द न्यूज़ रिपेयर" को विश्वसनीयता की नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।

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