नई दिल्लीः ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई किसान हिंसा से नाराज राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने किसान आंदोलन से अलग होने का ऐलान कर दिया था, लेकिन इस फैसले से उनके कार्यकर्ताओं में फूट पड़ गई है.
वीएम सिंह के कार्यकर्ताओं ने किसान आंदोलन से अलग होने की बात मानने से इनकार कर दिया है. कार्यकर्ताओं ने नराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आप आए ही क्यों थे, जब जाना था तो रात में चुपके से चले जाते. हिंसा से नाराज दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 20 से ज्यादा किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. 200 से ज्यादा उपद्रवियों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है.
वहीं, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को राकेश टिकैत, भोग सिंह मानसा, सुखपाल सिंह दागर, ऋषिपाल अमबावत, प्रेम सिंह गहलोत, सुरजीत सिहं फूल, क्रपाल सिंह नतूवाला, वीएम सिंह, सतपाल सिंह, मुकेश चंद्र, जोगिंदर सिंह, बलबीर सिंह, बुटा सिंह, योगेंद्र यादव, सतनाम सिंह पन्नी, सरवन सिंह और दर्शनपाल सिंह पर एफआईआर दर्ज की है.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान इन नेताओं की ओर से नियमों का उल्लंघन किया गया. बता दें कि ये सभी नेता किसान संगठनों से जुड़े हैं, सरकार संग बातचीत हो या ट्रैक्टर परेड का रुट तय करना सभी में इनकी अहम भूमिका रही है. शाम चार बजे दिल्ली पुलिस हिंसा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली है.
किसानों के पथराव में गणतंत्र पर करीब 300 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे, जबकि ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की जान चली गई. गृह मंत्रालय की ओर से दिल्ली की सुरक्षा में पैरामिलिट्री फोर्स की 15 कंपनी तैनात कर दी गई हैं. राजधानी के सभी बॉर्डरों पर पुलिस का पहरा है, जिससे उपद्रवी आगे ऐसी घटना को अंजाम ना दें सके. बीते दिन किसानों ने ट्रैक्टर परेड के समय से पहले ही हंगामा करना शुरू कर दिया था, जिससे टिकरी, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर स्थिति तनाव पूर्ण हो गई.
आईटीओ पर किसानों ने पुलिस के साथ धक्कामुक्की व पथराव किया, जिसमें कई पुलिस कर्मियों को गंभीर चोटे आईं. पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण करने को आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का प्रयोग किया. किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा का नेता जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ते नजर आए. किसान नेताओं ने कहा कि ट्रैक्टर परेड में कुछ उपद्रवी घुस आए, जिससे यह सबकुछ हुआ, ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.