नई दिल्ली: वो कहते हैं ना कि आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है. जरूरत पड़ने पर कोई आदमी ऐसे-ऐसे अविष्कार कर बैठता है जो दुनिया के लिए मिसाल बन जाते हैं. लेकिन ओडिशा के एक व्यक्ति ने एक बेहतरीन अविष्कार सिर्फ इसलिए कर दिया क्योंकि वे कोरोना की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन में घर बैठे-बैठे परेशान हो गए थे.
इनका नाम है, सुशील अग्रवाल वे ओडिशा के मयूरभंज के रहने वाले हैं और पेशे से किसान हैं. लॉकडाउन की वजह से सुशील अग्रवाल घर में बैठे-बैठे बोर हो रहे थे. तब उन्होंने ऐसा जुगाड़ बनाया जो चलती बैटरी से है, लेकिन इसे चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की नहीं, बल्कि धूप की जरुरत पड़ती है. जी हां, आप ठीक समझे. ये सोलर एनर्जी से चलने वाली कार है.
सुशील अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने इस कार को दो मैकेनिक और एक दोस्त की मदद से तैयार किया था. उन्होंने कार की मोटर बाइडिंग, इलेक्ट्रिकल फिटिंग और चेसिस वर्क पर अपने घर में ही काम किया. इसके लिए उन्होंने कुछ किताबें पढ़ने के साथ यूट्यूब पर मौजूद वीडियो भी देखे.
सुशील अग्रवाल ने अपनी इस जुगाड़ कार में 850 वॉट की मोटर और 100 Ah/ 54 Volts बैटरी का इस्तेमाल किया है. और इस कार की सबसे अच्छी बात ये है कि ये प्रोजेक्ट की बजाय एक वर्किंग मॉडल है. इस बात को इससे समझा जा सकता है कि सुशील अग्रवाल की ये जुगाड़ू कार सिंगल चार्ज में 300 किलोमीटर तक चल सकती है.
सुशील अग्रवाल का कहना है कि उनकी ये कार फुल चार्ज होने में करीब 8 घंटे का समय लेती है. अच्छी बात ये है कि उन्होंने इस कार में जिस बैटरी का इस्तेमाल किया है उसकी लाइफ 10 साल तक की है.
अब जब पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, सुशील कुमार की जुगाड़ कार एक सटीक विकल्प हो सकती है. निश्चित तौर पर हर कोई ऐसे समय में ऐसी ही कार घर लाना चाहेगा जिसे चार्ज करने के लिए बिजली की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. खासतौर पर ग्रामीण अंचल में, जहां बिजली की वैसे ही मारामारी रहती है. हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सुशील कुमार की इस कार का व्यवसायिक उत्पादन किया जाएगा या नहीं.