नई दिल्ली: एक तरफ जहां अमेरिका और रूस के बीच तनाव लगतार बढ़ता जा रहा है वहीं अमेरिका और चीन के भी हालात काफी तनावपूर्ण हो गए हैं. दोनों देशों के बीच तल्खी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब बीच बैठक में अधिकारियों के बीच ‘तू-तू मैं-मैं’ और नोक-झोंक होने लगी है.
दरअसल जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार गुरुवार को अमेरिका और चीन के राजनयिकों के बीच आमने-सामने की उच्च-स्तरीय बैठक हुई. यह बैठक अलास्का के एंकरेज में हुई. इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकेन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन चीन के स्टेट काउंसलर वांग यी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख यांग जिएची आमने-सामने बैठे.
बताया जा रहा है कि कैमरों के सामने, अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकेन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान के साथ चीन के शीर्ष राजनयिक यांग जेइची और विदेश मंत्री वांग यी की जमकर बहस हुई. बताया जा रहा है कि दोनों देशों के प्रतिनिधियों की ये बहस तकरीबन एक घंटे से ज्यादा समय तक चलती. बैठक में चीन के अधिकारियों ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि ‘वो अन्य देशों को चीन पर हमले के लिए उकसा रहा है.’ साथ ही चीनी प्रतिनिधि ने कहा है कि ‘अगर अमेरिका सोचता है कि चीन उनके सामने झुकेगा, तो वो धोखे में है.’
जानकारी के मुताबिक बैठक के शुरुआत में तल्ख रुख अपनाते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकेन ने कहा कि अमेरिका शिनजियांग, हॉन्ग-कॉन्ग, ताइवान, अमेरिका पर हुए साइबर हमलों और हमारे सहयोगियों पर बनाये गए आर्थिक दबाव के बारे में अपनी गहरी चिंताओं पर चर्चा जारी रखेगा क्योंकि वैश्विक स्थिरता के लिए इन पर बात होना जरूरी है.’
अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकेन के इस बयान पर चीन प्रतिनिधियों ने पलटवार किया. चीन के स्टेट काउंसलर वांग यी ने कहा कि अमेरिका पर आरोप लगाया कि ‘वो अपनी सैन्य शक्ति और आर्थिक वर्चस्व का ग़लत इस्तेमाल कर, दूसरे देशों पर धौंस जमाता है और उन्हें दबाने की कोशिश करता है.’ साथ ही उन्होंने चीन पर हमला करने के लिए कुछ देशों को उकसाने का भी अमेरिका पर आरोप लगाया.