नई दिल्ली: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वर्णिम कन्या सुमंगला योजना से प्रदेश के स्कूल कॉलेजों की छात्राओं को बड़े पैमाने पर जोड़ा जा रहा है. प्रदेश की नवजात बेटियों से लेकर उनकी उच्च शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार की कन्या सुमंगला योजना के तहत उनको आर्थिक मदद मिल रही है.
अक्टूबर 2019 से शुरू हुई इस योजना के तहत 5 लाख 85 हजार बेटियों को सीधा लाभ मिल रहा है. ये योजना प्राइमरी, अपर प्राइमरी, माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा की पढ़ाई करने वाली छात्राओं के लिए कारगर साबित हो रही है. इस योजना के तहत छात्राओं को स्कूल स्तर पर चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से स्कूलों की बच्चियों को बड़े पैमाने पर जोड़े जाने की कड़ी में 75 जनपदों में तेजी से कार्य किया जा रहा है. जनपदों के सभी प्राइमरी, उच्च प्राइमरी, माध्यमिक और डिग्री कॉलेजों को इस संबंध में दिशा निर्देश भेज दिए गए हैं. स्कूलों के शिक्षक बच्चियों को चिन्हित कर रहे हैं. पात्र बच्चियों को चिन्हित कर इनकी डिटेल ऑनलाइन फीड करने के निर्देश दिए गए हैं. पांच लाख से अधिक इन बेटियों को आर्थिक सहायता का लाभ दिया जा रहा है.
पांच हजार की एकमुश्त मिल रही सहायता
महिला कल्याण विभाग के उपनिदेशक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि योजना के तहत छह श्रेणियों में बेटियों को लाभ दिलाया जा रहा है. जिसके तहत बेटी के जन्म पर 2000, टीकाकरण पर 1000, कक्षा एक में दाखिला लेने वाली छात्राओं को एकमुश्त 2000, कक्षा 6 में दाखिला लेने वाली छात्राओं को भी दो हजार, माध्यमिक स्कूलों में कक्षा 9 में दाखिला लेने वाली छात्राओं को 3000 तथा दसवीं और 12वीं पास करने के बाद स्नातक या 2 वर्षीय अथवा इससे अधिक के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को 5000 की एकमुश्त सहायता दी जा रही है.
योजना के तहत शिक्षा के क्षेत्र में मिल रहा प्रोत्साहन
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की स्वर्णिम योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में बेटियों के लिए स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं को सुदृढ़ बनाते हुए समाज से कुरीतियों को दूर करना है. प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह पर लगाम कसते हुए समान लिंगानुपात स्थापित कर नवजात कन्या को आर्थिक मदद देने का कार्य इस योजना के तहत किया जा रहा है.
निदेशक महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया है कि इस योजना के माध्यम हम न सिर्फ बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास कर रहें हैं बल्कि कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाओं के प्रति भी लोगों को जागरूक करते हुए उनकी सोच में बदलाव के प्रयास कर रहे हैं.