केजे श्रीवत्सन, जयपुरः तीनों कृषि कानून के विरोध में जयपुर में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. कहने को तो यह किसान आन्दोलन को समर्थन देने के लिए आयोजित सभा थी लेकिन इसके जरिये पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपना सियासी दमखम भी दिखाया. ख़ास बात यह थी की इस किसान महापंचायत में सचिन पायलट के खेमे के 15 विधायक एक ही मंच पर लामबंद दिखे . अपनी जमीनी पकड़ का राजनितिक संकेत भी आलाकमान तक पहुंचाने की कोशिश करते दिखे.
कुछ दिन पहले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को राजस्थान बुलाकर अशोक गहलोत ने इसी तरह से किसान आन्दोलन को समर्थन देने और तीनों केन्द्रीय कृषि कानून के विरोध में अपना इरादा बता दिया था. अब इसी तरह का संकेत देने की बारि अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करके मंत्रिमंडल से बर्खास्त होने वाले सचिन पायलट की थी.
सचिन पायलट समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने जयपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर चाकसू में किसान महापंचायत का आयोजन किया. टोंक, जयपुर और दौसा इलाके के दूर-दराज के गांवों से पायलट समर्थकों ने महापंचायत में किसानों को बुलाने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाया था. हालांकि सीएम अशोक गहलोत और वर्तमान पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा को भी उन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बुलाया, लेकिन वे नहीं आये. एसे में सचिन पायलेट खेमे के विधायक सोलंकी ने अपने नेता सचिन पायलट के जरिये ही किसानों के समर्थन में यहाँ से हुंकार भरी. पायलट को देखते ही समर्थकों ने पायलट जिंदाबाद के नारे भी लगाए.
इस दौरान सचिन पायलट ने कहा कि देश का किसान खून के आंसू रो रहा है, केंद्र में कोई सुनने वाला नहीं है. किसान को सहानुभूति नहीं सहयोग चाहिए. केंद्र की तानाशाही के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे. किसान और नौजवान एक साथ खड़े हैं.अन्न पैदा करने वाले किसान की कोई जाति नहीं होती है. वह सबका है. आगे उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर किसानों को बांटने की साजिश चल रही है. दिल्ली में बैरीकेड लगा दिए, कीलें लगा दीं, लेकिन हम भी मानने वाले नहीं हैं. केंद्र को तीनों कानून वापस लेने ही पड़ेंगे.
दरअसल किसानों के समर्थन में सचिन पायलट गुट के विधायक इससे पहले भी आपकी पकड़ वाले पूर्वी राजस्थान के इलाकों में तीन महापंचायत का आयोजन कर चुके हैं, लेकिन इन्हें मलाल है की राहुल गांधी की राजस्थान में हुई दो दिन किसान सम्मेलन में उनके नेता को खास तवज्जों नहीं दी. ऐसे में शुक्रवार को जयपुर के चाकसू इलाके के कोटखावदा इलाके में हुवी किसान महापंचायत पर सबकी नज़रें थीं.
खुद पायलट ने अपने ट्विटर हैंडल से महापंचायत की जानकारी साझा करते हुये किसानों से इसमें शामिल होने का आह्वान भी किया है, जब वे जयपुर से कार्यक्रम स्थल पर जा रहे थे तो उनके काफिले में 400 से भी ज्यादा गाड़ियाँ में भरे पायलट समर्थक लामबंद होने का संकेत देने के लिए काफी थे. और इसका असर भी इस महापंचायत पर भारी भीड़ की मौजूदगी के तौर पर दिखा. राहुल गांधी किस अभा की ही तरह यहां भी बनाए गए मंच पर कुर्सी की बजाए मुड्डे रखे गए हैं.