रमन झा, नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों को आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला किया है. राहुल गांधी ने ने आंदोलनकारी किसानों की तुलना ‘सत्याग्रहियों’ से करते हुए कहा कि किसान सरकार से अपना हक ले कर रहेंगे. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, देश चंपारण जैसी त्रासदी का सामना कर रहा है, तब अंग्रेज कंपनी बहादुर थे और अब पीएम के दोस्त कंपनी बहादुर हैं.
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि आंदोलनकारी किसान ‘सत्याग्रही’ हैं और वे अपना हक ले कर रहेंगे. सत्याग्रह सरकार की नीतियों के खिलाफ राजनीतिक विरोध का एक तरीका है. ब्रिटिश शासन के खिलाफ महात्मा गांधी ने सत्याग्रह का तरीका अपनाया था. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 1917 में महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण में सत्याग्रह किया था, जब उन्होंने किसानों के मजबूरन इंडिगो खेती करने के खिलाफ आंदोलन किया था.
आपको बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 39वां दिन है. इस विवाद को सुलझाने के लिए कल केंद्र सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच आठवें दौर की बैठक होगी. उम्मीद जताई जा रही है कि कल की बैठक में दोनों पक्षों के बीच कोई निर्णायक फैसला हो सकता है. आप को बता दें कि सरकार और किसानों के बीच अबतक सात दौर की बैठक हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. किसान जहां अभी भी तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं, वहीं सरकार भी कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है.
वहीं इस बैठक से पहले किसानों ने सरकार के चेतावनी भी दी है. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि अगर इस बैठक में कोई फैसला नहीं होता है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. किसानों ने इस वार्ता से पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली आयोजित करने की धमकी दी है. आप को बता दें कि सरकार और किसानों के बीच 4 में से दो मुद्दों पर सहमति बन गई है, लेकिन दो अभी भी बाकी है.