द न्यूज़ रिपेयर, Harayna
राष्ट्रपति भवन की तरफ से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पदम अवार्ड से सम्मानित होने वाली महान विभूतियों की सूची जारी की गई है. इस सूची में अलग-अलग श्रेणों में बेहतरीन काम करने वालों को सम्मानित किया जाएगा. हरियाणा के तीन लोगों को पदम् पुरूष्कार से सम्मानित किया जाएगा. जिसमें तीनों ने ही अपने क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल की हुई है.
डॉ. जयभगवान गोयल
हिंदी साहित्य के इतिहास को नवीन दिशा देने पर कुरुक्षेत्र निवासी ओर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. जयभगवान गोयल को केंद्र सरकार की तरफ से पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया. चयनित होने पर डॉ. गोयल ने भी केंद्र का आभार जताया. वे मूलरूप से छछरौली, यमुनानगर के रहने वाले हैं, लेकिन अब कुरुक्षेत्र सेक्टर-13 में पत्नी पुष्पा गोयल के साथ रहते हैं. दोनों पति-पत्नी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हैं. डॉ. गोयल जहां केयू हिंदी विभाग में डीन समेत कई पदों पर रहने के बाद सेवानिवृत्त हुए.
वहीं उनकी धर्मपत्नी पुष्पा कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कॉलेज से रिटायर हुई हैं. डॉ. गोयल ने पुरस्कार के लिए चयनित करने पर केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया. कहा कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी जैसे महान शिक्षण संस्थान में काम करना सौभाग्य की बात है. केयू और यहां के साथियों, अधिकारियों कर्मचारियों के सहयोग की बदौलत यह मुकाम मिला है. अध्यापन के अलावा शोध निर्देशन, शोध लेख, निबंध, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, आकाशवाणी व दूरदर्शन पर साक्षात्कार आदि योगदान हिंदी साहित्य को दिया.
गुंगा पहलवान
एक समय मूक-बधिर वीरेंद्र सिंह के पास जब कोई काम नहीं था तो वह किशोरावस्था में ही गांव के लोगों के कपड़े सिलने लग गया था. सीआईएसएफ में कार्यरत पिता दिल्ली में रहकर कंपनी के जवानों को पहलवानी के गुर सिखाते थे. तब अचानक पिता के पैर में चोट लगी और वीरेंद्र उनकी सेवा के लिए दिल्ली पहुंचा. बस यहीं से उसकी किस्मत पलट गई. वह अखाड़े में कुश्ती करने वाले पहलवानों को घंटों खड़ा रहकर ताकता और इस खेल की बारीकियों को समझता.
दिल्ली के अखाड़े से जो कुछ वीरेंद्र सीखता उसका गांव में लाैटकर अभ्यास करता. धीरे-धीरे गांव देहात के दंगलों में हिस्सा लेने लगा. यहां हर कुश्ती जीती. आज वीरेंद्र देश का पहला पैरा एथलीट है जो 4 बार का ओलिंपिक में हिस्सा ले चुके हैं और तीन बार के वर्ल्ड चैंपियन हैं. वीरेंद्र सिंह गूंगा पहलवान के नाम से देश भर में मशहूर है और उसे अब फरवरी माह में पदम श्री मिलने जा रहा है. वीरेंद्र सिंह झज्जर के सासरौली गांव के रहने वाले हैं. मूक और बधिर होने के बावजूद उन्होंने कभी भी इस कमी को अपने सपनों की उड़ान में आड़े आने नहीं दिया.
त्रिलोचन सिंह
पद्म पुरस्कार सम्मान पाने वाले नागरिकों में हरियाणा के तरलोचन सिंह को सार्वजनिक मामलों में उत्तम कार्य करने के लिए पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजा जाएगा.
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