चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर पंजाब सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया है. जिसमें कंपनी ने राज्य में अपने स्टोर को बंद करने और उसके टेलीकॉम टॉवर में नुकसान पहुंचाने वाले “उपद्रवियों” के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
केंद्र द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा जारी आंदोलन के दौरान पंजाब में 1500 से अधिक जियो के मोबाइल टॉवर क्षतिग्रस्त किए गए थे.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस जियो ने अपनी दलील में कहा कि कुछ लोग उसके खिलाफ “झूठी अफवाहें” फैलाने में लगे हुए हैं. कंपनी ने साफ किया था कि उसके कृषि और कंपनियों फार्मिंग में आने की कोई योजना नहीं है.”
रिलायंस जियो के वकील आशीष मित्तल के अनुसार जस्टिस सुधीर मित्तल ने 8 फरवरी के लिए नोटिस जारी किया है. कंपनी ने अपने मुख्य सचिव, केंद्रीय गृह मंत्रालय, दूरसंचार विभाग और पंजाब के पुलिस महानिदेशक के माध्यम से पंजाब राज्य को मामले में उत्तरदाताओं के रूप में बनाया है.
सिविल रिट याचिका में रिलायंस जियो ने “वेल-ऑर्केस्टेड और निरंतर डिस्चार्जिंग अभियान” की जांच के लिए उत्तरदाताओं से उचित दिशा-निर्देश भी मांगे हैं, जोकि निहित स्वार्थों और इसके खिलाफ उपद्रवियों द्वारा किया जा रहा है.
याचिका में कंपनी ने कहा है कि पिछले कुछ हफ्तों में इसके 1,500 से अधिक दूरसंचार टॉवर पंजाब में अपने मोबाइल नेटवर्क को बदमाशों द्वारा क्षतिग्रस्त या निष्क्रिय कर दिए गए थे. इसके साथ ही कई केंद्रों और दुकानों को भी “अवैध बल और धमकियों” का उपयोग करके उपद्रवियों द्वारा जबरन बंद कर दिया गया था.
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके ग्राहकों को अन्य नेटवर्क पर पोर्ट करने के लिए मजबूर किया जा रहा था, जबकि उसके कर्मचारियों को जीवन का गंभीर खतरा है और राज्य में ग्राहकों की सेवा करने से जबरन रोका गया था.
एक बयान में रिलायंस ने कहा कि “देश में वर्तमान में जिन तीन कृषि कानूनों पर बहस में उसका कोई लेना-देना नहीं है और उनसे किसी भी तरह से लाभ नहीं है.”
कंपनी ने इससे होने वाले नुकसान के आकलन के लिए पंजाब प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट के तहत एक सक्षम प्राधिकरण के गठन की भी मांग की है.