प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 65वां दिन है. कड़ाके की सर्दी के बीच बड़ी तादाद में किसान अब भी दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं. वहीं गणतंत्र दिवस पर निकाली गई किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान मचे बवाल और हिंसा के बाद गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर अचानक तनाव की स्थित बन गई है.
गाजीपुर बॉर्डर को एक तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया था. बड़ी तादाद में पुलिस और रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवान तैनात थे. धारा 144 लगा दी गई. गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार देर शाम से आधी रात तक हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा.
अटकलें थीं कि राकेश टिकैत सरेंडर करने जा रहे हैं या फिर उनकी गिरफ्तारी होने वाली है. उनके भाई नरेश टिकैत तो ऐलान भी कर चुके थे कि अब और नहीं, धरना खत्म कर दिया जाएगा. गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को गुरुवार आधी रात तक यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया था, वहीं किसान नेता राकेश टिकैत अपनी मांग पर अड़े रहे और कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टिकैत फूट-फूटकर रोते नजर आए. इसके बाद माहौल बदलने लगा.
राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती, वे आंदोलन जारी रखेंगे. यदि जोर-जबरदस्ती की गई तो वह आत्महत्या कर लेंगे.
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत आंदोलन जारी रखने पर अड़ गए. उन्होंने कहा कि आंदोलन खत्म नहीं होगा, वो यहीं पर खुदकुशी कर लंगे. राकेश टिकैत ने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने की भावुक अपील की. इसके बाद आधी रात को ही पश्चिमी यूपी के तमाम हिस्सों से किसानों के समूह गाजीपुर बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे. जहां धरना खत्म होने की अटकलें लग रही थीं वहां रात में ही भीड़ जुटने लगी.
इसके साथ राकेश टिकैत ने कहा कि आज (शुक्रवार) सुबह से बड़ी संख्या में किसान धरनास्थल पर जुटना शुरू होंगे. इस सिलसिले में मुजफ्फरनगर में शुक्रवार सुबह पंचायत भी बुलाई गई है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से देर रात में किसानों ने दिल्ली की तरफ कूच करना शुरू कर दिया है. आखिरकार देर रात पुलिस को पीछे हटना पड़ा. फोर्स जिन गाड़ियों से वहां पहुंची थी, उन्हीं गाड़ियों से बैरंग वापस लौट गई.