नई दिल्ली: श्रद्धा और सबुरी का पाठ जिसने सिखाया उसी ने हमें नेक राह पर चलने की राह दिखाई है. कहते हैं जैसे पर्वतों में हिमालय श्रेष्ठ है, वैसे ही संतों में श्रेष्ठ हैं बाबा साई. इसलिए साई दया, आस्था, निष्ठा, परम विश्वास और शक्ति की मूर्त हैं. सच्ची आस्था के साथ ही अपने आराध्य को पाया जा सकता है.
साई बाबा की महिमा ही है, जो अपने दर तक आम और खास सभी को खींच लाती है. वरना साई बाबा कौन हैं? कहां से आए हैं? यह कोई नहीं जानता, लेकिन साई नाम की अखंड ज्योत जब मन में जल गई, तो सभी सवाल पूरे हो गए, क्योंकि बाबा जो भी हैं. जैसे भी हैं हमारे जीवन को सरल, सार्थक और सुगम बनाने के लिए आये हैं. हमें जीवन देने आये हैं, अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने आए हैं.
तो चलिए अंत:करण की शुद्धि के लिए, जीवन में आ रही हर समस्या के लिए अपनाएं साई बाबा के ये 11 वचन :
‘जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा.‘
‘चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर.‘
‘त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा‘
‘मन में रखना दृढ़ विश्वास, करे समाधि पूरी आस‘
‘मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो‘
‘मेरी शरण आ खाली जाए, हो तो कोई मुझे बताए‘
‘जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का‘
‘भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा‘
‘आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वो नहीं है दूर‘
‘मुझमें लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया‘
‘धन्य धन्य व भक्त अनन्य , मेरी शरण तज जिसे न अन्य‘