दीपक दुबे, मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच ने नकली नोट छापने वाले एक ऐसे गैंग का भांडाफोड़ किया है जो नोटों की फैक्ट्री लगाकर बड़े पैमाने पर नोट छापने का काम कर रहा था. इस गैंग का मुखिया दिन में नोट छापता और रात में नोटों की सप्लाई करता था. जिससे कि आसानी से नोट चलन में आ सके. मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 7 की टीम को गुप्ता सूचना मिली थी कि ऐसा गैंग मुंबई और आसपास के इलाके में सक्रिय है. मुम्बई क्राइम ब्रांच ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जो घर से नकली नोट छापकर मुम्बई व आसपास के बाजारों में 100 के बदले 200 सौ रुपये देने का काम करते थे.
मुम्बई क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान के मुताबिक क्राइम ब्रांच यूनिट 7 की टीम को जानकारी मिली थी कि 26 जनवरी शहर में कुछ लोग नकली नोट की सप्लाई करने आने वाले है. जानकारी मिलने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम रंगे हाथों पहले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से दो लाख 80 हजार रुपये का नकली नोट बरामद किया है.
क्राइम ब्रांच यूनिट 7 की टीम दोनों के खिलाफ विक्रोली पुलिस थाने में मामला दर्ज कर जांच किया तो पता चला कि इस मामले में दो और लोग शामिल हैं, जो पालघर में रहते हैं. क्राइम ब्रांच ने कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब्दुल्ला कल्लू खान 24 साल, महेंद्र खांडसकर 50 साल, फारुख चौधरी 33साल,अमीन शेख 41 साल. इस गैंग का सरगना महेंद्र खांडसकर है, जिसने घर में ही नकली नोट बनाने की मशीनें रखी थी यह 100, 200, 500 और 2000 का नोट बनाता है, और बाजार में चलता था. पुलिस ने इसके घर से 32 लाख 54 हजार रुपये का नकली नोट बरामद किया है, साथ में प्रिंटर स्केनर, इंक और कागजात भी बरामद किया गया.
डीसीपी अकबर पठान के मुताबिक यह लोग बाजारों में 100 रुपये असली नोट के बदले दो सौ रुपये देते थे. उसके अलावा नकली नोटों का मार्केटिंग करने वालों को 10% परसेंट का कमिशन मिलता था. इस मामले में पुलिस ने कुल 35 लाख 54 हजार रुपए बरामद किए हैं. इन लोगों ने दो से तीन महीने पहले नकली नोट छापने और बेचने का काम शुरू किया था, पकड़े गए सभी आरोपी पालघर व आसपास के रहने वाले हैं. सभी को कोर्ट में पेश किया गया जहां कोर्ट ने 3 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. पुलिस यह जांच कर रही है कि इस गैंग से और कितने लोग जुड़े हुए थे.