टीएनआर, चंडीगढ़
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बारे में फेसबुक पर पोस्ट करने के मामले में हांसी तहसील के कॉन्ट्रैक्ट बेस के ड्राइवर को सस्पेंड किया गया था, लेकिन अब विभाग ने सस्पेंड के ऑर्डर वापस ले लिए हैं. हालांकि इस मामले में सस्पेंड ड्राइवर पन्नालाल ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. इस मामले में आज सुनवाई भी हुई, लेकिन सरकार की तरफ से इस मामले में हाईकोर्ट के ऑर्डर से पहले ही पन्नालाल को सस्पेंड ऑर्डर वापस ले लिया.
चौपाल टीवी के फोन पर हुई बातचीत में पन्नालाल ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में याचिका डाली थी अभी तक उनकी वकील से आज इस बारे में बातचीत नहीं हुई है उन्होंने बताया कि इसके लिए तहसील कार्यालय से तहसील कार्यालय में जॉइनिंग के लिए संदेश और आर्डर कॉपी आ चुके हैं. आज वह दोबारा से ज्वाइन करेंगे.
आपको बता दें कि चालक ने कोरोना संक्रमण को लेकर डिप्टी सीएम के विरुद्ध टिप्पणी की थी, जिसके बाद हांसी के एसडीएम ने चालक को हटाने के आदेश जारी कर दिए. एसडीएम के इस आदेश के खिलाफ तहसीलदार का चालक हाई कोर्ट की शरण में चला गया. हाईकोर्ट ने चालक पन्ना लाल की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली और इस पर सुनवाई हुई.
इस मामले में सुनवाई को लिए हरियाणा के वित्तायुक्त एवं राजस्व तथा आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल को पेश होने का आदेश दे दिया था. हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने यह आदेश जारी किया था.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब दायर कर कहा गया कि पन्ना लाल की नियुक्ति एक वर्ष के लिए 23 मई 2018 को आउटसोर्स पालिसी के तहत अनुबंध पर की गई थी. इस नियुक्ति की अवधि बाद में बढ़ाते हुए 25 जुलाई 2020 तक कर दी गई, जो अब खत्म हो चुकी है. ऐसे में वह अपनी बर्खास्तगी के आदेशों को कैसे चुनौती दे सकता है, क्योंकि जब उसके अनुबंध की अवधि कि समाप्त हो चुकी है. फिर इस कार्यकाल में उसका काम भी संतोषजनक नहीं था.
उसके बाद फेसबुक पर उपमुख्यमंत्री पर टिपण्णी करना सेवा में रहते हुए कदापि उचित नहीं ठहराया जा सकता. यह प्रोफेशनल मिसकंडक्ट है, जिसकी जांच के बाद उसे बर्खास्त किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए थे. पन्ना लाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 15 दिसंबर 2020 को जारी उस आदेश को रद्द करने की मांग की थी, जिसके तहत उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया.
याचिका में पन्ना लाल ने कोर्ट को बताया कि वह आउटसोर्स पालिसी के तहत ड्राइवर के पद पर कार्यरत था. दुष्यंत चौटाला के विरुद्ध इंटरनेट मीडिया पर जिस पोस्ट को आधार बना कर उसे नौकरी से निकाला गया, वह उनके उप मुख्यमंत्री बनने से पहले की पुरानी पोस्ट है. उसे कोई नोटिस दिए बगैर व बिना जांच के ही सीधे आदेश जारी कर बर्खास्त कर दिया गया है.

पन्ना लाल ने हाई कोर्ट से आग्रह किया कि उसके बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगाकर उसे बहाल किया जाए. हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सरकार को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी जाए.
फेसबुक पर पोस्ट करने के चलते चालक पन्ना लाल को एसडीएम हांसी की तरफ से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया था. आदेश में लिखा गया था कि आपके द्वारा उपमुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट की गई थी जो दंडनीय अपराध है, इसलिए आपको पद से मुक्त किया जा रहा है.