नई दिल्ली: दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि किसान नेताओं के भड़काऊ भाषणों की वजह से ही आंदोलन उग्र हुआ. अब हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस के पुलिसकर्मियों को एक खत लिखा है.
उन्होंने इस खत में लिखा, मेरे समस्त दिल्ली पुलिस कर्मियों, 26 जनवरी को किसान आंदोलन के उग्र व हिंसक हो जाने पर भी आप लोगों ने अत्यंत संयम और सूझबूझ का परिचय दिया है. हालांकि हमारे पास बल प्रयोग का विकल्प मौजूद था, लेकिन हमने सूझबूझ का परिचय दिया.आपके इस आचरण से दिल्ली पुलिस इस चुनौतीपूर्ण आंदोलन से निपट पाई. हम सब इस प्रकार की चुनौतियों का सामना करते आए हैं. आपकी मेहनत और कार्यकुशलता से ही किसान आंदोलन की चुनौती का हम डटकर मुकाबला कर पाए हैं.
किसान आंदोलन में हुई हिंसा में हमारे 394 साथी घायल हुए, कुछ का इलाज अभी भी चल रहा है. मैंने खुद कुछ घायल साथियों से मिलकर उनका हालचाल जाना. सबको अच्छा उपचार उपलब्ध हो रहा है. दिल्ली पुलिस उनके अच्छे स्वास्थ्य व उपचार के लिए प्रतिबद्ध है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि आगे आने वाले कुछ दिन हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, इसलिए हमें सचेत रहने की आवश्यकता है. हम सबको अपना धैर्य और अनुशासन बनाए रखना है. मैं आपके संयम और धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं.
इससे पहले पुलिस कमिश्नर ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि किसान नेताओं के भड़काऊ भाषणों की वजह से हिंसा हुई, जिससे नियमों का भी उल्लंघन किया गया. किसान नेता सतनाम सिंह और दर्शनपाल सिंह ने रूट बदलने के लिए उकसाया.
श्रीवास्तव ने कहा, पुलिस एक्शन में पुलिस ने संयम बरता. पुलिस के पास सभी विकल्प थे, लेकिन पुलिस ने संयम बरता क्योंकि हम जानमाल का नुकसान नहीं चाहते थे. ये हमारे और उनके बीच एग्रीमेंट था, हम जो शांतिपूर्वक रैली की उम्मीद कर रहे थे, उसका पालन नहीं हो सका.
वॉयलेंस में किसान लीडर शामिल रहे हैं. कुल मिलाकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कुछ अभी भी आईसीयू में हैं. पुलिस की 428 बैरिकेड्स, 8 पिलर समेत 30 पुलिस की गाड़ी, 6 कंटेनर समेत कई उपकरणों को नुकसान पहुंचा है.
पुलिस कमिश्नर ने कहा, लाल किले समेत कई जगहों हिंसा फैलाने वालों के वीडियो फुटेज हमारे पास हैं. फेस रिकगनिशन सिस्टम से उनकी पहचान की जा रही है और उनकी जल्द उनकी गिरफ्तारी होगी. 25 से ज्यादा क्रिमिनल केस रजिस्टर किए गए हैं. कोई भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा. किसी भी किसान नेताओं को छोड़ा नहीं जाएगा. पुलिस कमिश्नर ने कहा, 19 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और 50 से ज्यादा हिरासत में लिए गए हैं.