टीएनआर, पानीपत
समालखा मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन हरपाल सिंह गाहल्याण की गोली लगने से मौत हो गई. गोली चलने की आवाज सुनकर बेटी छत पर कमरे में पहुंची तो उसकी चीख निकल गई. पिता के शरीर से खून बह रहा था. जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तब तक मौत हो गई.
पोस्टमार्टम में हरपाल के सिर में दो गोली लगी मिली हैं. अब सवाल यह उठता है कि आत्महत्या करने वाला एक ही गोली मारता है. परिजनों ने हरपाल के सुसाइड करने की शिकायत पुलिस को दी है. पुलिस ने भी परिजनों की शिकायत के अनुसार ही कार्रवाई करने की बात कही है.
मृतक के बेटे शुभम् ने लोगों से पिता को गोली मारने की बात कही है. हालांकि परिजनों ने पुलिस को सुसाइड की शिकायत दी है. पुलिस उसी के आधार पर कार्रवाई कर रही है. हरपाल सिंह का 23 साल का बेटा शुभम् है. शुभम् चार बहनों का इकलौता भाई है और दिमागी रूप से कुछ कमजोर है. घटना के बाद शुभम् ने लोगों से कहा कि मेरे पिता तो 9 साल पहले मर चुके हैं. मेरे पिता में राहू-केतू की आत्मा घूम रही थी. उसे ही गोली मारी है.
55 वर्षीय हरपाल सिंह गाहल्याण की चार बेटी और एक बेटा है. तीन बेटियों की शादी हो चुकी है. एक बेटी और एक बेटा घर पर हैं. भाजपा नेता एवं प्रापर्टी डीलिंग का काम करने हरपाल सिंह समाजसेवा में लगे रहते थे.
मूलरूप से जोरासी गांव के हरपाल सिंह समालखा की पंचवटी कॉलोनी में रहते थे. वह मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन रहे हैं. समालखा पुलिस के अनुसार चेयरमैन पद जाने के बाद हरपाल सिंह प्रॉपर्टी का काम करने लगे. लॉकडाउन में काम बंद हो गया. जिससे वह तनाव में रहने लगे. सोमवार रात करीब 12:30 बजे हरपाल ने अपने कमरे में लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली. गोली की आवाज सुनकर परिजनों की नींद खुली. कमरे में जाकर देखा तो हरपाल लहूलुहान हालत में पड़े थे. परिजन उन्हें लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.