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हरियाणा में जोहड़ों के सुंदरीकरण के लिए ग्राम पंचायतों को करना होगा काम, वरना अलग बजट नहीं मिलेगा!

चंडीगढ़:   हरियाणा सरकार ने राज्य के गांवों में जोहड़ों के सुंदरीकरण के लिए अलग से बजट उपलब्ध कराने का प्रावधान बंद कर दिया है। अब यह जिम्मेदारी पूरी तरह से   ग्राम पंचायतों …

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Haryana News


चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य के गांवों में जोहड़ों के सुंदरीकरण के लिए अलग से बजट उपलब्ध कराने का प्रावधान बंद कर दिया है। अब यह जिम्मेदारी पूरी तरह से ग्राम पंचायतों पर होगी, जो अपने पंचायत मद से जोहड़ों की सफाई और सुंदरीकरण का काम करा सकेंगी।

ग्राम पंचायतों को 21 लाख तक खर्च की अनुमति

ग्राम पंचायतों को अपने मद से 21 लाख रुपये तक के कार्य बिना ई-टेंडरिंग के कराने की अनुमति दी गई है।

  • 21 लाख रुपये से अधिक की परियोजनाएं: पंचायती राज विभाग के माध्यम से ई-टेंडरिंग द्वारा पूरी की जाएंगी।
  • ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्र में मिट्टी छंटाई और जोहड़ों की सफाई का काम अपनी निधि से करवा सकती हैं।

पंचायती राज विभाग ने जारी की नई हिदायतें

ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया गया है कि जोहड़ों की स्थिति सुधारने का काम वे अपने स्तर पर करें।

  • सरकार का बजट प्रावधान बंद: भिवानी जिले सहित अन्य ग्राम पंचायतों ने पंचायती राज विभाग को जोहड़ों की सफाई और सुंदरीकरण के प्रस्ताव भेजे थे।
  • विभाग ने इन्हें अपने पंचायत मद से ही पूरा करने की हिदायत दी है।

जल संचय और भूमिगत जल रिचार्ज पर सरकार का जोर

राज्य सरकार जल संचय और भूमिगत जल रिचार्ज को मजबूत करने के लिए पौंड (तालाब) निर्माण पर ध्यान दे रही है।

  • सिंचाई विभाग और अन्य सरकारी एजेंसियां इस दिशा में काम कर रही हैं।
  • इन योजनाओं के तहत गांवों के पुराने जोहड़ों को विकसित और पुनर्जीवित किया जाएगा।

पंचायती राज विभाग का बयान

संभव जैन, कार्यकारी अभियंता, पंचायती राज तकनीकी विभाग, भिवानी, ने बताया:

"ग्राम पंचायतें अपनी निधि से जोहड़ों की मिट्टी छंटाई और सुंदरीकरण का काम करा सकती हैं। 21 लाख रुपये तक के काम पंचायत स्तर पर ही किए जा सकते हैं। इससे अधिक लागत वाले काम ई-टेंडरिंग के माध्यम से कराए जाएंगे।"


हरियाणा सरकार ने जोहड़ों के सुधार के लिए अलग बजट का प्रावधान बंद कर ग्राम पंचायतों को यह जिम्मेदारी सौंपी है। इससे पंचायतें अपने स्थानीय संसाधनों और आवश्यकताओं के अनुसार जोहड़ों का सुधार कर सकेंगी। हालांकि, बड़े कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया लागू रहेगी, जिससे पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

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