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8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में होगी भारी बढ़ोतरी, जानें कितनी बढ़ जाएगी तनख्वाह

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, जिससे दिल्ली और हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों में वेतन बढ़ोतरी की उम्मीदें बढ़ गई हैं…

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8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, जिससे दिल्ली और हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों में वेतन बढ़ोतरी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यह आयोग 2026 में अपनी रिपोर्ट पेश करेगा, जिसके बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। आइए जानते हैं कि यह आयोग कैसे काम करेगा और सैलरी बढ़ोतरी का गणित क्या है।

सैलरी बढ़ोतरी का गणित: फिटमेंट फैक्टर का महत्व

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर सैलरी में वृद्धि का आधार फिटमेंट फैक्टर होगा। वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, जिसे 8वें वेतन आयोग में बढ़ाकर 2.86 किए जाने की संभावना है। इसी के तहत दिल्ली और हरियाणा समेत अन्य राज्यों के सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी होगी।

दिल्ली और हरियाणा के कर्मचारियों पर प्रभाव

दिल्ली और हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों को इस वेतन आयोग से बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।

  • दिल्ली: वर्तमान में दिल्ली के सरकारी कर्मचारियों का बेसिक पे 19,000 रुपये है।
  • हरियाणा: हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों का मौजूदा बेसिक पे 17,000 रुपये है।
    दोनों राज्यों की सैलरी पुराने फिटमेंट फैक्टर (2.57) पर आधारित है, लेकिन नए आयोग के लागू होने के बाद यह दर बढ़कर 2.86 हो जाएगी।

कितनी होगी सैलरी में बढ़ोतरी

आने वाले समय में नए फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलेगा:

  1. दिल्ली: मौजूदा बेसिक पे 19,000 रुपये है, जो 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होने के बाद बढ़कर 54,340 रुपये हो जाएगा।
  2. हरियाणा: मौजूदा बेसिक पे 17,000 रुपये है, जो 8वें वेतन आयोग के बाद 48,620 रुपये हो जाएगा।

इसके अलावा, बढ़े हुए बेसिक पे पर महंगाई भत्ता (DA) और अन्य भत्ते भी शामिल होंगे, जिससे कुल सैलरी में और बढ़ोतरी होगी।

सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या है उम्मीदें

8वें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों को न केवल वित्तीय लाभ होगा, बल्कि उनकी क्रय शक्ति और जीवनस्तर में भी सुधार आएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि आयोग की रिपोर्ट लागू होने से कर्मचारियों को लंबे समय तक आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।

आगे की प्रक्रिया

सरकार 2026 में आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सिफारिशें लागू करेगी। इससे पहले कर्मचारियों और विभिन्न संगठनों की प्रतिक्रियाओं को भी ध्यान में रखा जाएगा। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आयोग किन सिफारिशों को प्राथमिकता देता है और यह बदलाव किस प्रकार कर्मचारियों के जीवन को प्रभावित करेगा।

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