Weather Update: हरियाणा में हाल ही में सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है। इसके चलते कुछ जिलों में बारिश और तेज हवाओं का अनुभव हुआ है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए भी सतर्कता बरतने की चेतावनी जारी की है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर और जारी अलर्ट
मौसम विभाग ने हरियाणा के कई जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने, बारिश होने और घने कोहरे का अलर्ट दिया है। इस बदलाव से तापमान में तेज गिरावट देखी गई है। 24 घंटों के भीतर अधिकतम तापमान में औसतन 1.4 डिग्री की गिरावट आई, जो सामान्य से 2.5 डिग्री कम है।
आने वाले दिनों का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विशेषज्ञों ने बताया है कि 10 से 13 दिसंबर के बीच मौसम शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि, उत्तरी और पश्चिमी हवाओं के चलते रात का तापमान और गिर सकता है। सुबह के समय कई इलाकों में घने कोहरे की स्थिति बनेगी।
रविवार को छह जिलों में बारिश
रविवार को हरियाणा के मौसम में अचानक बदलाव देखा गया। पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंचकूला, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत और अंबाला जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हुई।
पश्चिमी हरियाणा, पश्चिमी पंजाब, दिल्ली और यमुना बेल्ट में नए बादलों की आमद हुई, जिससे इन क्षेत्रों में भी बारिश की संभावना बनी हुई है।
कुरुक्षेत्र का सबसे ठंडा दिन, हिसार की सबसे ठंडी रात
बारिश और तेज हवाओं ने ठंड का असर बढ़ा दिया है। कुरुक्षेत्र का अधिकतम तापमान 19.6 डिग्री रहा, जो इसे प्रदेश का सबसे ठंडा दिन बना गया। वहीं, हिसार की रात का न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री दर्ज किया गया।
इतिहास पर नजर डालें तो 1973 में हिसार का पारा -1.5 डिग्री तक पहुंचा था। 2013, 2018 और 2020 में भी यहां का तापमान माइनस में दर्ज किया गया था।
प्रदूषण में सुधार: AQI 200 से नीचे
मौसम में बदलाव का असर प्रदूषण स्तर पर भी पड़ा। रविवार सुबह सात बजे के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के सभी जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 से नीचे रहा।
- बहादुरगढ़: 165
- हिसार: 156
- चरखी दादरी: 153
- यमुनानगर: 151
- नारनौल: 130
- सिरसा: 114
- भिवानी: 111
- अंबाला: 108
- कैथल: 106
मौसम का आगे का अनुमान
कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि 13 दिसंबर तक कई जिलों में सुबह के समय धुंध का असर देखने को मिलेगा। पहाड़ों पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण हरियाणा में रात और दिन के तापमान में और गिरावट आने की संभावना है।
हरियाणा में बदलते मौसम का यह दौर किसानों और आम लोगों के लिए सतर्क रहने का संकेत है। तापमान में गिरावट के साथ-साथ बारिश और तेज हवाओं के चलते स्वास्थ्य और फसलों पर असर पड़ सकता है।
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