सांकेतिक तस्वीर। |
हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के गिरी सेंटर स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित पांचवी एलीट मेन हरियाणा स्टेट बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में डोपिंग के मामले सामने आए हैं। द ट्रिब्यून की रिपोर्ट की मुताबिक टूर्नामेंट के दौरान वॉशरूम में फ्लश टैंक के पीछे इस्तेमाल की हुई सिरिंजें और खाली शीशियां मिलने से टूर्नामेंट की "सफल" आयोजन की दावेदारी पर सवाल खड़े हो गए हैं।
खेल मंत्री की प्रतिक्रिया
हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा,
"अगर ऐसा हुआ है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार खेलों में प्रतिबंधित पदार्थों का उपयोग करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।"
तीन दिवसीय टूर्नामेंट में 250 खिलाड़ियों की भागीदारी
हरियाणा बॉक्सिंग संघ, जो बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और हरियाणा ओलंपिक संघ से मान्यता प्राप्त है, द्वारा आयोजित यह चैम्पियनशिप तीन दिनों तक चली। इसमें 22 जिलों और तीन स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) केंद्रों के 250 बॉक्सरों ने भाग लिया।
डोपिंग का बढ़ता प्रचलन
वॉशरूम में मिली सिरिंजें और खाली शीशियां स्पष्ट संकेत हैं कि टूर्नामेंट के दौरान कुछ खिलाड़ियों ने प्रदर्शन बढ़ाने वाले प्रतिबंधित पदार्थों का इस्तेमाल किया।
खिलाड़ियों और कोचों ने माना कि राज्य-स्तरीय टूर्नामेंटों में डोपिंग की समस्या आम हो गई है। कोचों का कहना है कि खिलाड़ियों पर प्रदर्शन और परिणाम लाने का दबाव इस प्रचलन का मुख्य कारण है।
आयोजकों की भूमिका और प्रयास
हरियाणा बॉक्सिंग संघ के महासचिव रविंद्र पन्नू ने डोपिंग की इस समस्या को स्वीकार किया। उन्होंने कहा,
"मुझे इस मामले की जानकारी दी गई। मैंने वॉशरूम का निरीक्षण किया और इसे पाया। हमने खिलाड़ियों को इस बारे में चेतावनी दी और यहां तक कि नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) के अधिकारियों के आने की झूठी सूचना फैलाकर उन्हें डराने की कोशिश की।"
आयोजकों ने एक डॉक्टर को NADA अधिकारी बनाकर खिलाड़ियों से सैंपल लेने का नाटक भी किया। उन्होंने यह भी बताया कि NADA के सदस्य अखिल कुमार को राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में शामिल होने का अनुरोध किया गया था।
खिलाड़ियों में जागरूकता की कमी
डोपिंग का एक बड़ा कारण खिलाड़ियों में जागरूकता की कमी है। कुछ खिलाड़ियों ने बताया कि उन्हें यह विश्वास दिलाया गया था कि इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन अवैध नहीं हैं।
बॉक्सिंग कोच जगदीश सिंह ने कहा,
"राज्य-स्तरीय टूर्नामेंटों में स्टेरॉयड का उपयोग गंभीर चिंता का विषय है। इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।"
डोपिंग के दुष्प्रभाव और खेल मंत्री की अपील
खेल मंत्री गौरव गौतम ने कहा,
"खेलों में डोपिंग के लिए कोई जगह नहीं है। मैं सभी खिलाड़ियों से अपील करता हूं कि वे किसी भी प्रकार के प्रदर्शन बढ़ाने वाले पदार्थों का उपयोग न करें।"
डोपिंग न केवल खेलों की निष्पक्षता को प्रभावित करता है, बल्कि खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है। राज्य सरकार और खेल संघों को मिलकर इस समस्या के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। खिलाड़ियों के बीच जागरूकता बढ़ाकर और सख्त नियम लागू करके डोपिंग पर लगाम लगाई जा सकती है।
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