Haryana News: हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने अपने एक नए आदेश में सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करता या राजनीतिक दबाव का सहारा लेता है, तो उसकी नौकरी पर खतरा मंडरा सकता है। खासतौर पर स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारियों के लिए यह निर्देश जारी किया गया है। हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर ने सभी जिलों के चीफ मेडिकल ऑफिसर्स (CMO) को एक आधिकारिक पत्र भेजा है, जिसमें इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।
राजनीतिक दबाव डालने पर होगी कार्रवाई
हेल्थ डायरेक्टर द्वारा जारी इस पत्र में स्पष्ट किया गया है कि कई बार यह देखा गया है कि अधिकारी और कर्मचारी अपने निजी हितों को साधने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव डालने की कोशिश करते हैं। यह हरियाणा सिविल सेवा नियम, 2016 के नियम 26 का सीधा उल्लंघन है। इस नियम के तहत यह कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। डायरेक्टर ने आदेश दिया है कि सभी कर्मचारी और अधिकारी इस नियम का कड़ाई से पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
पत्र जारी करने का उद्देश्य
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह पत्र किस विशेष कारण से जारी किया गया है। हालांकि, इसे स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों द्वारा डाले जा रहे राजनीतिक दबाव और सिफारिशों से जोड़कर देखा जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग में सिफारिशों का बोलबाला
हरियाणा के हेल्थ डिपार्टमेंट में पदों पर नियुक्ति को लेकर राजनीतिक सिफारिशें आम बात मानी जाती हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी (DHO), पीएनडीटी एक्ट के तहत गठित टीमें, सैंपलिंग टीम और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों के लिए राजनीतिक दबाव डाला जाता है। इसमें चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर सिफारिशें करवाने की कोशिश की जाती है।
स्वास्थ्य मंत्री और विभाग की भूमिका
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव हैं। इससे पहले डॉ. कमल गुप्ता और अनिल विज इस मंत्रालय का कार्यभार संभाल चुके हैं। पत्र के माध्यम से साफ संकेत दिया गया है कि किसी भी तरह के दबाव में आकर काम करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
आदेश के पीछे की गंभीरता
इस नए आदेश को कर्मचारियों और अधिकारियों की अनुशासनहीनता और विभाग में बढ़ रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक ठोस कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से सिफारिश और राजनीतिक दबाव की शिकायतें सामने आती रही हैं, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था।
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर द्वारा जारी यह पत्र विभागीय कर्मचारियों को कड़े निर्देश देने के साथ-साथ सरकार की मंशा को भी दर्शाता है। ऐसे में सभी कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे नियमों का पालन करें और अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाएं।
हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के लिए यह एक चेतावनी है कि यदि किसी ने नियमों का उल्लंघन किया या राजनीतिक प्रभाव का सहारा लिया, तो उसे अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है।
आदेश की मुख्य बातें
- राजनीतिक दबाव डालने पर सख्त कार्रवाई।
- हरियाणा सिविल सेवा नियम 2016 के नियम 26 का उल्लंघन।
- स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर विशेष ध्यान।
- सिफारिशों और दबाव की संस्कृति को खत्म करने की पहल।
हरियाणा सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। यह स्पष्ट संदेश है कि सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को नियमों का पालन करना होगा।
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