चंडीगढ़: हरियाणा में किसानों के लिए राहतभरी खबर आई है। राज्य सरकार ने 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने की गारंटी दी है। हालांकि, पंजाब की सीमा से सटे शंभू बॉर्डर (अंबाला) और खनौरी बॉर्डर (जींद) पर किसानों का धरना-प्रदर्शन अभी भी जारी है। पंजाब के किसान अपनी फसलों के MSP की गारंटी को लेकर दिल्ली कूच की जिद पर अड़े हुए हैं।
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने 24 फसलों की MSP पर खरीद के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में 5 अगस्त को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था।
किन फसलों को MSP में शामिल किया गया है?
सरकार द्वारा MSP पर खरीद के लिए जो 24 फसलें सूचीबद्ध की गई हैं, उनमें शामिल हैं:
रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, खोपरा, ग्रीष्म मूंग, धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उर्द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना।
विशेष बात:
- इनमें से रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, कुसुम, जूट और खोपरा जैसी फसलें हरियाणा में बोई नहीं जाती हैं, लेकिन इन्हें भी सूची में शामिल किया गया है।
- मक्का और अन्य फसलों की कीमतें आमतौर पर MSP से अधिक रहती हैं। हालांकि, सरकार ने पूर्व में मक्का और अन्य फसलों की MSP पर खरीदारी की है।
- 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से ही MSP पर खरीद की जाएगी।
सरकार का उद्देश्य
हरियाणा सरकार ने कहा है कि इस कदम से प्रदेश में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा। यह पहल किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से की गई है।
पंजाब सरकार से अपील
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब सरकार और कांग्रेस शासित राज्यों से अपील की है कि वे भी अपने राज्यों में किसानों की उपज को MSP पर खरीदने का निर्णय लें। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान बड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, इसलिए उनकी समस्याओं को हल करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
केंद्रीय एजेंसियों की भूमिका
केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियां, जैसे भारतीय खाद्य निगम (FCI), भारतीय कपास निगम (CCI), भारतीय जूट निगम (JCI), केंद्रीय भंडारण निगम (CWC), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED), और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF), फसलों की खरीद सुनिश्चित करेंगी।
हरियाणा सरकार के इस निर्णय से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और प्रदेश में कृषि क्षेत्र में सुधार देखने को मिलेगा।
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