𝐍𝐞𝐰𝐬 𝐃𝐞𝐬𝐤 : बदरीनाथ धाम के कपाट आज रात्रि 9:07 बजे से शीतकाल के लिए बंद कर दिये जाएंगे
पवित्र बद्रीनाथ मंदिर के कपाट रविवार रात 9:07 बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे, इसके लिए विधि विधान मंत्र उच्चारण के साथ कपाट बंद करने की प्रक्रिया हुई शुरू हो गई है, शनिवार को 10,000 से अधिक भक्तों ने भगवान बद्री विशाल के दर्शन किए !
न्यूज़ डेक्स।। उत्तराखंड के चमोली में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। विधि विधान और मंत्र उच्चारण के साथ कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
Badrinath Dham Door Close for Winter
उत्तराखंड के चारधाम
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ सभी शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं। यह 2024 की तीर्थ यात्रा का समापन है। गंगोत्री मां गंगा को समर्पित है, सबसे पहले 2 नवंबर को बंद हुआ। इसके बाद यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट 3 नवंबर को भाई दूज के दिन बंद किए गए।
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By, Ran Singh Chauhan
मंदिर के मुख्य रावल और पुजारी आज हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कपाट बंद करने की पूजा करेंगे। रात 9:07 बजे तय समय पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे। इसके अलावा तुंगनाथ धाम के कपाट भी आज ही बंद होंगे।
Badrinath Dham Door Close for Winter
◆ आज शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, रात्रि 9:07 बजे से बंद कर दिये जाएंगे कपाट !
◆ माता लक्ष्मी की सखी बनकर उन्हें बदरीनाथ के गर्भगृह में विराजमान करेंगे !
◆ 7 बजकर 45 मिनट पर रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री वेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश कराएंगे !
◆ रात 8 बजकर 10 मिनट पर शयन आरती होगी !
◆ उसके बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी !
◆ माणा गांव की महिलाओं द्वारा तैयार घृत कंबल ओढ़ाकर और अखंड ज्योति जलाकर रात ठीक 9 बजकर 7 मिनट पर भगवान बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे !
◆ उद्धव, कुबेर व आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी पांडुकेश्वर के योग बदरी मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी !
◆ कुबेर व उद्धव की मूर्तियों को योग बदरी पांडुकेश्वर में विराजमान किया जाएगा !
◆ अगले दिन आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी ज्योतिर्मठ स्थित नृसिंह मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी !
◆ मंदिर में श्रद्धालु दर्शन करते रहेंगे, साथ ही मंदिर को दिन में बंद नहीं किया जाएगा !
◆ अपराह्न 6 बजकर 45 मिनट पर सायंकालीन पूजा शुरू होगी !
◆ 7 बजकर 45 मिनट पर रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री वेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर में प्रवेश कराएंगे !
उत्तराखंड के चारधाम
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ सभी शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं। यह 2024 की तीर्थ यात्रा का समापन है। गंगोत्री मां गंगा को समर्पित है, सबसे पहले 2 नवंबर को बंद हुआ। इसके बाद यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट 3 नवंबर को भाई दूज के दिन बंद किए गए।
अन्य प्रमुख मंदिर के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। रुद्रनाथ 17 अक्टूबर को और तुंगनाथ 4 नवंबर को बंद किया गया और मध्यमहेश्वर 20 नवंबर को बंद होगा। केदारनाथ के रक्षक देवता भकुंटा भैरवनाथ के कपाट 29 अक्टूबर को बंद कर दिए गए।
यह बंद होने की प्रक्रिया दशहरा के आसपास होती है और शीतकाल के दौरान मंदिरों और उनके आसपास के क्षेत्रों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। यह मंदिर अगले साल अप्रैल या मई में खुलेंगे और 2025 की तीर्थयात्रा के लिए तैयार होंगे।
यह बंद होने की प्रक्रिया दशहरा के आसपास होती है और शीतकाल के दौरान मंदिरों और उनके आसपास के क्षेत्रों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। यह मंदिर अगले साल अप्रैल या मई में खुलेंगे और 2025 की तीर्थयात्रा के लिए तैयार होंगे।