𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐃𝐞𝐬𝐤 : शहीद के अंतिम संस्कार में पूरा गांव उमड़ा पर नहीं पहुंचा कोई भी बीजेपी का बड़ा नेता और विधायक

उधमपुर जिले के रामनगर के चिल इलाके में सीआरपीएफ की 187वीं बटालियन नियमित पेट्रोलिंग के लिए गई थी, इस दौरान आतंकवादियों ने पेट्रोलिंग पार्टी पर 30-40 राउंड फायरिंग की, इस दौरान कुलदीप मलिक के सिर के पीछे तीन गोलियां लगी, इससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई ! 


By, Ran Singh Chauhan

हरियाणा, डिजिटल डेक्स।। जम्मू के उधमपुर जिले में सीआरपीएफ की गश्त के दौरान आतंकी हमले में शहीद हुए जींद के निडानी गांव के कुलदीप मलिक का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 

अंतिम संस्कार में पूरा गांव उमडा पर कोई भी बीजेपी का बड़ा नेता और विधायक नहीं पहुंचा। कुलदीप मलिक सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। कुलदीप मलिक दोनों बेटे भी सेना में है। एक बेटा आर्मी में ड्राइवर के पद पर तैनात है तो दूसरा आरपीएफ में है।


आज हरियाणा के जीन्द में हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद कुलदीप को अंतिम विदाई दी। शहीद का पार्थिव शव तिरंगा के साथ लिपटा हुआ था। बंदूकों की सलामी के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। 

अंतिम विदाई का यह दृश्य अत्यंत भावुक और गर्वपूर्ण था। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। पूरा वातावरण जब तक सूरज चांद रहेगा कुलदीप मलिक तेरा नाम रहेगा के गगन बेदी नारों से गूंज रहा था। 

कुलदीप मलिक 34 साल पहले स्पोर्ट्स कोटे से कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए भर्ती हुए थे। कुलदीप मलिक कुस्ती के नेशनल खिलाडी रह चुके है। कुलदीप मालिक अगले महीने डीएसपी प्रमोट होने वाले थे। 

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में आतंकियों ने सोमवार को सीआरपीएफ के दल पर हमला किया। दोपहर बाद तीन बजे के बाद आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हो गई। 

इसमें सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसओजी के संयुक्त दल पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया। 

इसमें जिले के गांव निडानी निवासी सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक बलिदान हो गए। इससे पहले सात अगस्त को भी उधमपुर के बसंतगढ़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। 

हालांकि आतंकी खराब मौसम और धुंध का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे थे। माना जा रहा है कि उधमपुर के बसंतपुर के ऊपर जंगल में आतंकियों के कुछ ग्रुप यहां बीते कुछ महीने से छिपे हुए हैं। लोग संदिग्ध देखे जाने की लगातार सूचना दे रहे हैं। 

इतने समय तक बिना गाइड व मददगारों के छिपना संभव नहीं है। सूत्रों की माने तो इन आतंकियों को किसी स्थानीय के यहां शरण मिल रही है। मौजूदा समय में गुज्जर-बकरवालों के कई डेरे जंगलों व पहाड़ों पर हैं। इनको धमकाकर आतंकी खाने का इंतजाम कर लेते हैं।

खेल कोटे से CRPF में भर्ती हुए थे कुलदीप मलिक
कुलदीप मलिक के निधन की खबर मिलने के बाद उनके गांव में मातम पसर गया है, शहीद का गांव में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा, 54 वर्षीय कुलदीप मलिक 34 साल पहले खेल कोटे से सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे, जल्द ही वे डीएसपी प्रमोट होने वाले थे, कुलदीप मलिक का परिवार फिलहाल दिल्ली में रहता है, लेकिन उनके 2 भाई अभी गांव में ही खेती करते हैं, वहीं शहीद कुलदीप मलिक के बड़े बेटे सेना में ड्राइवर के पद पर दिल्ली में तैनात है और छोटा बेटा रेलवे पुलिस अमृतसर में तैनात है, कुलदीप मलिक के दोनों बेटे शादीशुदा हैं !
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