𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐃𝐞𝐬𝐤 : इस शुभ मुहूर्त में बांधे भाई की कलाई पर राखी, रक्षाबंधन पर 7 घंटे 39 मिनट तक भद्रा का साया

रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त !


हरियाणा, डिजिटल डेक्स।। इस साल रक्षाबंधन का त्योहार कई शुभ संयोगों में पड़ा है। ज्योतिषाचार्य उदयवीर शास्त्री का कहना है कि पंचांग के अनुसार रक्षा बंधन का पावन त्योहार सावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। 

यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम को समर्पित है। इसे पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 𝟏𝟗 अगस्त दिन सोमवार पूर्णिमा तिथि शुक्ल पक्ष धनिष्ठा नक्षत्र में मनाया जाएगा। धनिष्ठा नक्षत्र पंचक का नक्षत्र है।


उदयवीर शास्त्री का कहना है कि इस बार रक्षाबंधन पर सुबह में भद्रा लग जा रही है। भद्रा सुबह 𝟎𝟓:𝟓𝟑 ए एम से दोपहर 𝟎𝟏:𝟑𝟐 पी एम तक रहेगी।


इस भद्रा का वास स्थान धरती से नीचे पाताल लोक में है। अब कुछ लोगों का कहना है कि पाताल की भद्रा को नजरअंदाज कर सकते हैं।

उदयवीर शास्त्री का कहना है कि पंचकों का राखी के शुभ अवसर पर विचार नहीं किया जाता है, केवल राहु काल को देखा जाता है। 

सावन पूर्णिमा तिथि का आरंभ 𝟏𝟗 अगस्त को सुबह 𝟑 बजकर 𝟎𝟓 मिनट से होगी और रात 𝟏𝟏 बजकर 𝟓𝟔 मिनट पर समाप्त होगी।

राखी बांधते समय हर बहन को निम्न मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए, येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।

शुभ मुहूर्त

*सिंह लग्न - अमृत की चौघड़िया-प्रातः 𝟓.𝟒𝟎 से 𝟕.𝟑𝟎 बजे तक

*शुभ चौघड़िया- सुबह 𝟗.𝟎𝟖 से 𝟏𝟎.𝟒𝟎 तक

*अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 𝟏𝟏.𝟑𝟔 से 𝟏𝟐.𝟐𝟒 तक रहेगा। यह सर्वोत्तम समय माना गया है.

*वृश्चिक लग्न (स्थिर लग्न) - 𝟏𝟐.𝟑𝟖 बजे से 𝟏𝟒.𝟓𝟔 बजे तक

*लाभ चौघड़िया - दोपहर 𝟑.𝟒𝟎 बजे से 𝟓.𝟏𝟕 बजे तक


*अशुभ समय - 𝟕.𝟑𝟎 बजे से 𝟗.𝟎𝟖 बजे तक, राहुकाल है इसका त्याग करना चाहिए।

*काल चौघड़िया- सुबह 𝟕.𝟑𝟎 बजे से 𝟗.𝟎𝟖 बजे तक

भद्रा का विचार इन 4 स्थिति पर होता हैं

*पहला स्वर्ग या पाताल में भद्रा का वास

*प्रतिकूल काल वाली भद्रा हो

*दिनार्द्ध के अंतर वाली भद्रा

*भद्रा का पुच्छ काल


उदय वीर शास्‍त्री ने बताया भद्रा शनि की बहन थी। जिस प्रकार शनि क्रोधित स्वभाव के थे, वैसे ही भद्रा भी थी प्रत्येक शुभ मांगलिक कार्य में विघ्न डालना इसका स्वभाव था। 

पौराणिक कथाओं में रावण की बहन शूर्पणखा ने भद्रा काल में रावण को रक्षा सूत्र बांध दिया था। कहा जाता है, इस कारण से रावण का परिवार का अंत हुआ और यह रावण की मृत्यु का कारण बना।

https://ift.tt/qof3VtX
Next Post Previous Post

विज्ञापन