बेटे-बेटियों के लिए टिकट की चाह ! हरियाणा में नहीं चलेगा BJP का ‘एक परिवार एक टिकट’ फॉर्मूला !
गुरुग्राम से राव इंद्रजीत सांसद हैं. वह अपनी बेटी आरती को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। इसी तरह, फरीदाबाद से कृष्णपाल गुर्ज्जर सांसद हैं और वह अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई के अपने बेटे के लिए दोबारा टिकट चाह रहे हैं। भव्य बिश्नोई हिसार के आदमपुर से विधायक हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा की टिकटों का सही गलत वितरण और बड़े नेताओं की आपसी कलह का सीधा असर सत्ता के नजदीक दूर आने जाने पर पड़ेगा.. जैसे 2019 में हुआ। नतीजा भाजपा को पूरे साढ़े चार साल जजपा की हनक के साथ नहीं बल्कि नीचे सरकार चलानी पड़ी। कई अहम मंत्रालय देने पड़े, मन मारकर कुछ निर्णय भी मानने पड़े।
पिछली बार भी भाजपा ने बड़े नेताओं की आपसी खींचतान पसंद नापसंद के चलते कई दमदार दावेदारों को टिकट नहीं दी। उनमें से पांच बागी होकर लड़े, पांचों निर्दलीय जीते।
इस बार भाजपा पहले ही बैकफुट पर नजर आ रही है। अगर फिर वही गलती दोहराई गई तो मुश्किलें और बढ़ेंगी। इस लोकसभा चुनाव में भी संघ की दूरी आपसी कलह और टिकटों का चयन भाजपा को भारी पड़ा है।
जानकारी के अनुसार हरियाणा भाजपा चुनाव समिति की बैठक शुक्रवार को शुरू हुई है। सुबह 9 बजे शुरू हुई मीटिंग दोपहर तक चलेगी। शुक्रवार को 8 लोकसभा के अंतर्गत आने वाली 72 विधानसभा सीटों पर मंथन किया जा रह है।
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