𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐃𝐞𝐬𝐤 : महिला कोच यौन शोषण मामला: महिला कोच बोली, सच को दुखी किया जा सकता है दबाया नहीं जा सकता

हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ जूनियर कोच यौन शोषण मामले में आरोप तय हो चुके हैं, वहीं मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी !


हरियाणा, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री सरदार संदीप सिंह द्वारा यौन शोषण मामले में कोर्ट द्वारा आरोप तय किए जाने का मामला। जूनियर महिला कोच ने पत्रकारों से बात करते हुए कोर्ट द्वारा आरोप तय किए जाने पर खुशी व्यक्त की। महिला कोच ने कहा कि सच को दुखी किया जा सकता है दबाया नहीं जा सकता।

इसके साथ ही चंडीगढ़ पुलिस की कार्यवाही पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से चंडीगढ़ पुलिस द्वारा गैर जमानती धाराएं लगाई गई है इसको लेकर वो पूरी तरह से सहमत नहीं है।


पता नही क्यों इसको मॉलेस्टेशन का मामला बनाया जा रहा हैं, जबकि उनका पहले दिन से कहना है कि रेप की कोशिश का मामला दर्ज़ होना चाहिए था, जिसकी वो लगातार मांग करती रही है।

पर फिर भी भाजपा का दबाव होने के बावजूद चंडीगढ़ पुलिस द्वारा जो कार्रवाई की गई है वह सराहनीय है।

विधानसभा चुनाव में भाजपा को होगा नुकसान

महिला कोच ने कहा कि आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस मामले की वजह से और पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह की वजह से काफी नुकसान झेलना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहले हरियाणा बर्बाद किया अब देश बर्बाद करने चले हैं।

पूर्व में मुख्यमंत्री रहे और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने संदीप सिंह का जिस तरह से बचाव किया था उनको अब तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए है। आने वाले समय में भी भाजपा को भारी हर्जाना भरना पड़ेगा।

हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री सरदार संदीप सिंह की बढ़ी मुश्किलें. 𝐈𝐏𝐂 की धारा 𝟑𝟓𝟒, 𝟑𝟓𝟒 𝐀, 𝟑𝟓𝟒 𝐁, 𝟓𝟎𝟔 और 𝟓𝟎𝟗 के तहत किए गए आरोप तय। मामले की अगली सुनवाई 𝟏𝟕 अगस्त को होगी.

गौरतलब है कि 𝟐𝟔 दिसंबर 𝟐𝟎𝟐𝟐 को जूनियर महिला कोच ने हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित अन्य आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दी थी. जांच के बाद 𝟑𝟏 दिसंबर की रात 𝟏𝟏 बजे सेक्टर-𝟐𝟔 थाने में संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 𝟑𝟒𝟐, 𝟑𝟓𝟒, 𝟑𝟓𝟒𝐀, 𝟑𝟓𝟒𝐁, 𝟓𝟎𝟔 के तहत पुलिस ने केस दर्ज किया था.


मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई थी.
इसमें साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत सिंह, महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उषा और एक महिला एसआई को शामिल किया गया था. एसआईटी की जांच के बाद संदीप सिंह के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 𝟓𝟎𝟗 भी जोड़ी थी.

संदीप सिंह के बयान में दिखा मतभेद

पुलिस के मुताबिक संदीप सिंह ने अपने बयान में कहा कि पीड़िता ने इंस्टाग्राम पर दो मार्च 𝟐𝟎𝟐𝟐 और स्नैपचैट पर एक जुलाई 𝟐𝟎𝟐𝟐 को मिलने के लिए समय मांगा था।

वहीं स्टाफ के मुताबिक मंत्री ने पीड़िता को ऑफिस टाइम मे न बुलाकर निजी रूप से मिलने बुलाया था।

रिप्रेजेंटेशन में संदीप सिंह ने कहा कि वह पहली बार पीड़िता से मार्च-अप्रैल 𝟐𝟎𝟐𝟐 में ताऊ देवी लाल स्टेडियम में मिले थे जबकि बयान में कहा कि मार्च में वह अपने घर पर पीड़िता से मिले थे।

ये भी कहा कि पीड़िता ने उनके पीए से 𝟑𝟏 दिसंबर 𝟐𝟎𝟐𝟏 को बात की थी, मगर बयान में कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

संदीप सिंह यह भी नहीं बता पाए कि उन्होंने पीड़िता को मिलने के लिए ऑफिस टाइम छोड़कर देर शाम क्यों बुलाया था?

वही पीड़िता की कई गवाहों से हुई चैट से सामने आया है कि वह काफी मानसिक तनाव में थी।

उसने आरोप लगाया था कि संदीप सिंह ने उसके लिए विपरीत माहौल पैदा कर दिया है।

पीड़िता के मुताबिक आरोपी ने उसका विश्वास जीतने के लिए उसकी नियुक्ति में मदद का प्रस्ताव दिया ताकि वह उससे यौन लाभ पा सके।

पुलिस ने कहा है कि मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी के पीछे तर्क दिया है कि संबंधित घटनाक्रम और पुलिस शिकायत देने में छह महीने का अंतराल था।

बता दें कि पुलिस ने मामले में संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 𝟑𝟒𝟐, 𝟑𝟓𝟒, 𝟑𝟓𝟒ए, 𝟑𝟓𝟒बी, 𝟓𝟎𝟔 और 𝟓𝟎𝟗 के तहत मामला दर्ज किया था।

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