Hisar Lok Sabha constituency History : हिसार लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। यह सीट 1951 में अस्तित्व में आई थी, और तब से अब तक इस सीट पर कुल 18 चुनाव हुए हैं। इनमें से कांग्रेस ने 7 बार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 1 बार, और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने 3 बार चुनाव जीता है।
1951 से 2004 तक
1951 से 2004 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। इस दौरान इस सीट से कांग्रेस के कुल 7 उम्मीदवार विजयी हुए हैं। इनमें से चौधरी भजनलाल (2009) भी एक बार चुनाव जीत चुके है। सबसे ज्यादा जय प्रकाश ने 3 बार (1989, 2004, और 1996) चुनाव जीता।
साल |
विजेता |
पार्टी |
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1952 |
लाला अंचित राम |
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कांग्रेस |
1957 |
ठाकुर दास भार्गव |
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1962 |
मनी राम बागड़ी |
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समयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी |
1967 |
राम कृष्ण गुप्ता |
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कांग्रेस |
1971 |
मनी राम गोदारा |
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1977 |
इंदर सिंह श्योकंद |
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जनता पार्टी |
1980 |
मनी राम बागड़ी |
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जनता पार्टी (सेक्यूलर) |
1984 |
चौधरी बीरेंद्र सिंह |
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कांग्रेस |
1989 |
जय प्रकाश |
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जनता दल |
1991 |
नारायण सिंह |
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कांग्रेस |
1996 |
जय प्रकाश |
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हरियाणा विकास पार्टी |
1998 |
सुरेंद्र सिंह बरवाला |
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इनेलो |
1999 |
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2004 |
जय प्रकाश |
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कांग्रेस |
2004 से 2019 तक
2004 से 2019 तक इस सीट पर कांग्रेस, भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस और इनेलो के बीच कड़ी टक्कर रही है। इस दौरान इस सीट से कांग्रेस के कुल 2 उम्मीदवार विजयी हुए हैं। इनमें से दुष्यंत चौटाला ने (2014), और बृजेंद्र सिंह (2019) ने एक-एक बार चुनाव जीता।
2009 |
भजन लाल |
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हरियाणा जनहित कांग्रेस |
2011 |
कुलदीप बिश्नोई |
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2014 |
दुष्यंत चौटाला |
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इनेलो |
2019 |
बृजेंद्र सिंह |
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भाजपा |
2019 का चुनाव
2019 के चुनाव में भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने 3.14 लाख मतों के अंतर से जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला को हराया था।
हिसार लोकसभा सीट की राजनीतिक विशेषताएं
हिसार लोकसभा सीट एक महत्वपूर्ण सीट है। यह सीट हरियाणा के उत्तरी भाग में स्थित है।
- इस सीट पर जाट, ब्राह्मण मतदाताओं का प्रभाव अधिक है।
- इस सीट पर चुनाव हमेशा रोमांचक रहा है।
- इस सीट पर जीत-हार का अंतर हमेशा कम रहा है।
इस सीट पर कांग्रेस, हरियाणा जनहित कांग्रेस और इनेलो के बीच का मुकाबला हमेशा कड़ा रहा है।
हिसार लोकसभा सीट एक महत्वपूर्ण सीट है, और इस सीट पर चुनाव हमेशा रोमांचक रहा है। इस सीट पर कांग्रेस और इनेलो के बीच का मुकाबला हमेशा कड़ा रहा है। भविष्य में भी इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस और इनेलो के बीच का मुकाबला जारी रहने की संभावना है।
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