हरियाणा-पंजाब बॉर्डर की डबवाली विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास, 2000 से लगातार चौटाला परिवार का दबदबा
Haryana Assembly Election 2024 : हरियाणा में अगले साल यानी 2024 में विधानसभा चुनाव होने है। आज हम आपको बताएंगे सिरसा लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सीट डबवाली विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास। इस सीट पर 2000 के बाद से चौटाला परिवार का दबदबा रहा है।
डबवाली हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर बसा एक खूबसूरत शहर है। ये शहर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। आधा डववाली हरियाणा में और आधा पंजाब में। डववाली शहर पूरी दुनिया में गाड़ियों के कारोबार से जाना जाता है। यहां की खुली बॉडी की गाड़ियां काफी महशूर है।
डबवाली के राजनीतिक इतिहास के बारे में जाने तो पहला चुनाव 1967 में हुआ। तब से लेकर 2019 तक 13 चुनाव हो चुके है। 1967 में हुए पहले चुनाव में यहां से कांग्रेस के केसरा राम ने आजाद उम्मदीवार पी चंद्र को हराया।
इसके ठीक एक साल बाद 1968 में हुए चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार तेजा सिंह ने कांग्रेस के केसरा राम को हरा दिया। इसके बाद 1972 में कांग्रेस के गोवर्धन दास चौहान ने निर्दलीय उम्मीदवार गुरदयाल सिंह को हराया।
1977 में हुए चुनाव में एमरजेंसी के बाद बनीं पार्टी जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्जा किया। जनता पार्टी के मनी राम ने यहां से जीत दर्ज की। मनी राम ने कांग्रेस के गोवर्धन दास चौहान को पटखनी दी। मनी राम यहां से तीन बार विधायक रहे।
1982 में मनी राम लोकदल जो कि किसान आंदोलन से बनीं पार्टी है से चुनाव लड़ा। लेकिन गोवर्धन दास चौहान ने उन्हें यहां से हरा दिया। इस साल भी कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा किया।
5 साल बाद 1987 में मनीराम ने एक बार फिर यहां चुनाव जीता। मनी राम ने लोकदल से चुनाव जीता। उन्होंने इस बार कांग्रेस के गोवर्धन दास चौहान को हराया।
1991 में संतोष चौहान ने कांग्रेस के लिए यहां चुनाव जीता। उन्होंने ज्ञ्यान चंद जो जनता पार्टी से मैदान में थे उनको हराया।
1996 में मनी राम जॉर्ज फ्रनाडिस और नीतिश कुमार की बनाई नई पार्टी समता पार्टी से चुनावी मैदा में उतरे। यहां से उन्होंने इस बार बंसी लाल की पार्टी हरियाणा विकास पार्टी के उम्मीदवार जगसीर सिंह को हराया।
1996 में ही देश के उप प्रधानमंत्री रह चुके ताऊ देवी लाल ने अपनी पार्टी बनाई हरियाणा लोकदल राष्ट्रीय जो बाद में इंडियन नेशनल लोकदल बन गई।
2000 में डॉक्टर सीता राम ने यहां से अपना पहला चुनाव जीता। इनेलो की ने यहां से लगातार चार बार चुनाव जीता। 2000 में डॉक्टर सीताराम मे कांग्रेस के लाभ सिंह को हराया।
उसके बाद 2005 में ही सीता राम दूसरी बार यहां से विधायक बने। इस बार भी कांग्रेस को निराशा हाथ लगी। यहां से कांग्रेस के जगन नाथ डॉक्टर सीताराम के आगे नहीं टिक पाए।
2009 में यहां से ताऊ देवी के पोते और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला ने पर्चा भरा। उनके सामने भी चौटाला परिवार के सदस्य थे। 2009 में अजय चौटाला ने यहां से कांग्रेस के डॉ. कमलवीर सिंह (डॉ. केवी सिंह) को हराया।
2014 में भी यहां से इनेलो ने अपने परिवार के सदस्य को चुनावी मैदान में उतारा। इस बार अजय सिंह चौटाला की पत्नी और ओम प्रकाश चौटाला की पुत्रवधु नैना सिंह चौटाला ने चुनाव लड़ा भी और जीता भी। इस बार भी डॉ केवी सिंह को हार का सामना करना पड़ा। वो इस बार भी कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे थे।
बाद में अजय सिंह चौटाला के परिवार ने इनेलो से बगावत कर ली और अपनी नई पार्टी बना ली। जिसका नाम जननायक जनता पार्टी रखा। आज चौटाला परिवार ताऊ देवी लाल के नाम पर राजनीति करता आ रहा है।
2019 में यहां से कांग्रेस ने डॉ केवी सिंह के बेटे अमित सिहाग को उम्मीदवार बनाया। उनका इस बार मुकाबला बीजेपी के आदित्य चौटाला से था। इस बार भी चौटाला परिवार के दो दिग्गज सामने थे। लेकिन अमित सिहाग ने आदित्य चौटाला को करीब 15000 से ज्यादा वोटों से हराया।
अब हरियाणा में 2024 में यहां लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव होने है। इस बार भी कांग्रेस यहां से अमित सिहाग को चुनावी मैदान में उतारेगी ऐसा लग रहा है। वहीं इनेलो इस बार अपने परिवार के सदस्य को मैदान में उतारेगी।
2024 का चुनाव दिलचस्प होने वाला है। क्योंकि इस बार यहां आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है। पंजाब से सटे इलाका होने की वजह से कुछ प्रभाव उनका भी होगा।
डबवाली का राजनीतिक ग्राफ़
चुनावी साल | विधायक का नाम | पार्टी का नाम |
---|---|---|
1967 1968 1972 1977 1982 1987 1991 1996 2000 2005 2009 2014 2019 |
केसरा राम तेजा सिंह गोवर्धन दास चौहान मनी राम गोवर्धन दास चौहान मनी राम संतोष चौहान सरवन मनी राम डॉ. सीता राम डॉ. सीता राम डॉ. अजय सिंह चौटाला नैना सिंह चौटाला अमित सिहाग |
कांग्रेस निर्दलीय कांग्रेस जनता पार्टी कांग्रेस लोकदल कांग्रेस समता पार्टी इनेलो इनेलो इनेलो इनेलो कांग्रेस |