Wrestlers Protest : देश के नामी पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर पिछले 11 दिनों से बैठे है। शांतिपूर्ण धरने के बीच बुधवार रात पहलवानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में कुछ जवानों को चोट आई है।
इस पूरे प्रकरण के बाद सोशल मीडिया पर दो लेटर वायरल हो रहे है। एक विनेश फौगाट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखा है दूसरा बजरंग पुनिया और साथी खिलाड़ियों की और गृह मंत्री अमित शाह को लिखा गया है।
इस वायरल चिट्ठी के मुताबिक़ पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। पहलवानों ने घटना के ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की है।
हालाँकि ट्वीटर पर विनेश फौगाट ने साफ़ किया है कि हमने किसी भी तरह का कोई लेटर नहीं लिखा है। वायरल लेटर फेंक है।
पहलवानों ने अमित शाह को लिखा खत!
वायरल लेटर में बजरंग पुनिया, विनेश फौगाट और साक्षी मलिक की तरफ़ से लिखे गए ख़त में लिखा है- हम ओलंपियन और अंतर्राष्ट्रीय पहलवान अपनी माँगो को लेकर पिछले 11 दिनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे है। 3 मई की रात क़रीब 11 बजे जब हम अपने रात्रि विश्राम के लिए व्यवस्था कर रहे थे तो दिल्ली पुलिस के ACP धर्मेंद्र ने क़रीब 100 पुलिसवालों के साथ हम पर हमला कर दिया। जिसमें दुष्यंत फौगाट और राहुल यादव के सिर फोड़े गए।
विनेश फौगाट के साथ गाली गलौच
ख़त में आगे लिखा गया है कि ‘ओलंपियन विनेश फौगाट को उक्त अधिकारी द्वारा गंदी गालियाँ दी गई और ओलंपियन साक्षी मलिक, संगीता फौगाट को पुरुष अधिकारियों द्वारा धक्के मारे गए।’
‘अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों पर इस तरह से हमला करना और अपमानित करना खिलाड़ियों के मनोबल को तोड़ने और देश की छवि ख़राब करने वाला है। आपसे अनुरोध है कि हमारी माँगो को संज्ञान में लेकर तुरंत कार्रवाई करें।’
पहलवानों की ये है माँगे
- घटना के ज़िम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए।
- घटनास्थल पर हमारी न्यूनतम जरुरत की चीजें जैसे- वाटरप्रूफ़ टेंट, मजबूत,स्टेज, पलंग, साउंड सिस्टम, गद्दे और प्रैक्टिस के लिए कुश्ती मैट व जिम का सामान लाने के लिए अनुमति दी जाए।
- अलग-अलग स्थानों से हिरासत में लिए गए हमारे सभी साथियों को तुरंत रिहा किया जाए।
- सरकार के उच्चाधिकारियों से हमारी माँगो के संबंध में शीघ्र वार्ता कराई जाए।
3 मई की रात को क्या हुआ?
दरअसल जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट सहित कई स्टार पहलवान पिछले काफी दिनों से धरने पर बैठे हैं। देर रात बेड को लेकर पुलिस से उनकी झड़प हो गई। पहलवानों ने कहा कि बारिश के चलते सड़क गीली हो गई थी। जब धरना स्थल पर बिस्तर लेकर पहुंचे तो पुलिसवालों ने रोक लिया। नशे में पुलिसवालों ने मारपीट की और अपशब्द कहे।
झड़प के बाद बोले पहलवान
झड़प के बाद विनेश और साक्षी जैसी मेडल जीतने वाली रेसलर्स रोने लगीं। विनेश फोगाट दिल्ली पुलिस के साथ हुए विवाद के बाद रो पड़ीं। देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विनेश ने कहा, जब हमने देश के लिए मेडल जीते थे तब कभी नहीं सोचा था कि एक दिन हमें भी यह दिन देखना पड़ेगा। मैं तो कहुंगी की देश के किसी भी खिलाड़ी को देश के लिए मेडल नहीं जीतना चाहिए।
हम अपने मेडल्स भारत सरकार को लौटा देंगे-बजरंग
बजरंग पूनिया ने कहा कि हम अपने मेडल्स भारत सरकार को लौटा देंगे। बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने कहा कि अब यह लड़ाई लंबी चलेगी। धरने पर बैठी शीर्ष पहलवान विनेश ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, नशे में धुत एक पुलिसकर्मी ने हमारे साथ बदतमीजी की। उन्होंने मीडिया से कहा, हम अपने मान-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं और उस लड़ाई का सिला यह है कि यहां पर पुलिस वाले ने हमें चेस्ट से धक्का दिया।
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस उपायुक्त प्रणव तायल ने कहा, देर रात जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती बिना अनुमति के बेड लेकर पहुंचे। हमने बीच-बचाव किया तो पहलवानों के समर्थक आक्रामक हो गए और ट्रक से बेड निकालने की कोशिश करने लगे। इसके बाद एक मामूली विवाद हुआ।
DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी घटना स्थल पर पहुंची है। उन्होंने कहा कि मैं फिर से लड़कियों (पहलवानों) से मिलने आई हूं क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है। पहलवान विनेश फोगट और साक्षी मलिक ने हमें बताया कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था, और वहां पुलिस अधिकारी थे जो नशे में थे और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। मैं उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। बृजभूषण को क्यों बचा रही है दिल्ली पुलिस? दिल्ली पुलिस उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है?
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